जनसंख्या नियंत्रण बिल संसद के मानसून सत्र में पेश होगा

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नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार के जनसंख्या नियंत्रण बिल पर चर्चा के बीच संसद के मानसून सत्र में भी पूरे देश के लिए जनसंख्या नियंत्रण बिल पर बहस होगी. जनसंख्या बिल को लेकर बीजेपी ने एक खास रणनीति भी बनाई है. दरअसल बीजेपी की योजना अपने राज्यसभा सांसदों के जरिये इस बिल को प्राइवेट मेंबर बिल की तरह राज्यसभा में पेश करके चर्चा कराने की है.

बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा का पहले से जनसंख्या नियंत्रण को लेकर प्राईवेट मेम्बर बिल हो पेश चुका है. मानसून सत्र दूसरे हफ्ते के शुक्रवार को इस बिल पर चर्चा हो सकती है. सुब्रमण्यम स्वामी भी इस मुद्दे पर प्राइवेट बिल पेश कर चुके है.

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार अपने राज्य में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करना चाहती है और इसी के मद्देनजर उसने इसका एक मसौदा भी तैयार किया है. इस मसौदे के मुताबिक उत्तर प्रदेश में दो-बच्चों की नीति का उल्लंघन करने वाले को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने, सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने, पदोन्नति और किसी भी प्रकार की सरकारी सब्सिडी प्राप्त करने से वंचित कर दिया जाएगा.

उत्तर प्रदेश जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण एवं कल्याण) विधेयक-2021 का प्रारूप राज्य विधि आयोग ने तैयार किया. विधि आयोग ने इस विधेयक का प्रारूप अपनी सरकारी वेबसाइट पर अपलोड किया है और 19 जुलाई तक जनता से इस पर राय मांगी गई है.

प्रारूप में कहा गया है, ‘दो बच्चे के मानदंड को अपनाने वाले लोक सेवकों (सरकारी नौकरी करने वालों) को पूरी सेवा में मातृत्व या पितृत्व के दौरान दो अतिरिक्त वेतन वृद्धि मिलेगी. इसके अलावा राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत पूरे वेतन और भत्तों के साथ 12 महीने की छुट्टी और नियोक्ता के योगदान कोष में तीन प्रतिशत की वृद्धि की बात भी कही गयी हैं.’