विश्व जूनोसिस दिवस पर हुई विशेष चर्चा

बरेली। हर साल 6 जुलाई को विश्व जुनोसिस दिवस मनाया जाता है जिसका उद्देश्य पशुओं से मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव और इसके दुष्प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ विश्राम सिंह ने बताया कि जूनोसिस किसी भी संक्रामक रोग को कहते हैं जो पशुओं और मनुष्यों के बीच संचरित हो सकता है, चाहे वह सीधे संपर्क से हो, कीटों या टिक्स के माध्यम से, दूषित भोजन से या पर्यावरण से। बरेली में प्रति वर्ष एक लाख से भी ज़्यादा मनुष्य एवं पशु में होता है टकराव । वर्ष 2023 में एक लाख 613 , वर्ष 2024 में 1 लाख 10 हज़ार 894 और वर्ष 2025 में जून तक 65 हजार से अधिक लोगों को कुत्ते, बिल्ली, बंदर सियार, भेड़िया आदि पशुओं द्वारा काटा गया जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. प्रशांत रंजन ने बताया कि इस वर्ष जून माह तक 65 हज़ार से अधिक लोगों को अब तक 2 लाख 20 हजार 848 एंटी रेबीज़ वैक्सीन लगाकर प्रतिरक्षित किया गया । मंडलीय सर्विलांस अधिकारी डॉ अखिलेश्वर सिंह ने बताया कि किसी भी जंगली या पालतू पशु जैसे कुत्ते बिल्ली बंदर सियार भेड़िया आदि के काटने पर नज़दीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल व ३०० बेडेड अस्पताल जाकर एंटी रेबीज़ वैक्सीन के चार टीके (0,3,7,28 दिन पर) निःशुल्क लगवाकर रेबीज़ जैसी जानलेवा बीमारी से स्वयं को सुरक्षित कराएँ और गर्भवती भी पशुओं द्वारा काटे जाने पर इस टीके को लगवा सकती हैं । जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ मीशम अब्बास ने बताया कि पशु द्वारा किए गए घाव पर नमक मिर्च सरसों का तेल और चूना लगाने से कोई भी लाभ नहीं होता है । मरीज द्वारा घाव को बहते हुए पानी व साबुन से लगातार 15 मिनट तक धोना है । यह भी जाने जूनोसिस से पशुओं और मनुष्यों दोनों के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है, और यह राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं और छोटे और मध्यम आकार के उत्पादकों को भी प्रभावित कर सकता है। खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के अनुसार, 60% मानव संक्रामक रोगों का जूनोटिक मूल है, और लगभग 75% प्रजातियों के बीच संचरित होते हैं। अच्छे उत्पादन अभ्यासों को बढ़ावा देना, फार्म बायोसिक्योरिटी, निगरानी और पशु चिक त्सा सेवाओं द्वारा स्वच्छता नियंत्रण, और खाद्य सुरक्षा को बनाए रखना जूनोसिस के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। हमें जूनोटिक जोखिम और इसे कम करने के तरीकों के बारे में सूचित रहने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए, जिससे हमारे पशुओं और लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा हो सके और एक सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य की दिशा में काम किया जा सके।