बरेली। आस्ताना ए आलिया मौहम्मदिया(दरगाह वली मियां) में शहादते उज़मा सय्यदुश्शोहदा हज़रत इमाम हुसैन रज़ीअल्लाहू तआला अन्हु की फ़ातिहा हुई । वैसे तो मोहर्रम में दाल रोटी का लंगर 6 मोहर्रम से ही शुरू हो जाता है जो 10 मोहर्रम तक जारी रहता है, प्रोग्राम का आगाज़ सज्जादानशीं अल्हाज अनवर मियाँ हुज़ूर ने कलाम ए पाक की तिलावत से किया, मौलाना शमीम, सय्यद मुस्तजाब अली,अहमद हुसैन मोहम्मदी आदि ने इमाम हुसैन की शान में मंंक़बत पढ़कर अक़ीदत का नज़राना पेश किया । हाफ़िज़ अफ़ज़ाल मोहम्मदी ने इमाम हुसैन की रौशनी डाली और अपने बयान में फ़रमाया इस महीने में ज़ुल्म व ज़्यादती से बचना चाहिए,बचना तो हर वक़्त चाहिए लेकिन हुर्मत वाले महीनो में गुनाह का जुर्म बढ़ जाता है, इसलिए कि अल्लाह तआला ने फ़रमाया “इन महीनो में तुम अपने नफ़स पर ज़ुल्म न करो”। शिजरा शरीफ़ पढ़ने के बाद आस्ताने केे सज्जादानशीं अल्हाज अनवर मियाँ हुज़ूर ने दुआ ए खैर की । इस मौके पर सय्यद नाज़िर अली(चाँद),आरिफ़ उल्लाह,इलयास,शराफ़त, ताहिर जमाल, जब्बार, रियासत,समीर,मोहसिन,अशफ़ाक हुसैन,सलमान शमसी,मोहसिन ख़ान ऐडवोकेट,नासिर शमसी,शमशाद, सरफ़राज,मोहम्मद कैफ़,इशरत आदि मौजूद रहे ।