बरेली। सिंचाई विभाग संयुक्त कर्मचारी संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिला अधिकारी कार्यालय में सिटी मजिस्ट्रेट को दिया और उसमें मांग की गई की सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग उत्तर प्रदेश के पदों को खत्म घोषित करने और किसान विरोधी एवं कर्मचारी विरोधी शासन आदेश को समाप्त किया जाए उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग के महत्वपूर्ण पद जैसे उप राजस्व अधिकारी ,जिलेदार ,मुंशी ,हेड मुंशी, पदों की संख्या में कटौती तथा नलकूप चालक सींचपाल के साथ-साथ मिस्त्री कम ड्राइवर व आवश्यक पदों को समाप्त किए जाने के शासन आदेश से कार्मिक समुदाय में अत्यंत की रोष एवं असंतोष व्याप्त है इसके विरोध में 16 मई को विभाग के समस्त मान्यता प्राप्त संगठनों की बैठक में सर्वसम्मति से सिंचाई विभाग संयुक्त कर्मचारी संघर्ष समिति का गठन किया गया इसके साथ ही दिनांक 20 मई एवं 21 मई को काला सीता बांधकर प्रदेश व्यापी विरोध प्रदर्शन किया गया इसके बाद 28 मई को प्रदेश के समस्त कार्यालय में भोजन अवकाश के दौरान गेट मीटिंग के माध्यम से न्याय प्राप्त करने का प्रयास किया गया। सकारात्मक कार्रवाई न होने के कारण प्रदेश के समस्त संवर्गों के कर्मचारियों में भरी आक्रोश से व्याप्त है उन्होंने बताया कि उक्त पदों को अनुपयोगी मानने से विभाग में नेहरो लघुडाल नेहरो एवं राजकीय नलकूपों के संचालन रखरखाव विभागीय परिसंपत्तियों की सुरक्षा में भारी कठिनाई अवश्य संभावित है यह कार्मिक ग्राम स्तर पर रहकर किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करते हैं उनकी अनुपस्थिति में पूरी व्यवस्था धराशाई होना सुनिश्चित है इसके साथी लोकप्रिय मुख्यमंत्री का प्रदेश के चतुर्मुखी विकास युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार मुहैया कराए के समस्त रिक्त पदों को भरे जाने एवं आवश्यक नए पदों का सृजन कर उत्तर प्रदेश के किसानों को उत्कृष्ट सिंचाई उपलब्ध कराने के दृढ़ संकल्प पर कुठाराघात के समान है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की की इन पदों को समाप्त न किया जाए और पद खत्म घोषित करने के शासन आदेश को वापस लिया जाए ज्ञापन देने वालों में चेतन आनंद संयोजक भंडार कर्मचारी संघ ,भारत सिंह, विजेंद्र पाल सिंह आदि उपस्थित थे।