उझानी : जिसका कोई नही, उसका भगवान होता है। यह वाक्या आज देखने को मिला। बिशारतगंज बरेली के मूल निवासी रामनाथ गोस्वामी व उनकी पत्नी शारदा बिल्सी के गांव बरौलिया रह रहे थे। उनका खुद का कोई मकान न था। इसलिए उन्होंने ईंट भट्टे की कच्ची कोठरी को ही अपना आशियाना बना लिया था। इससे पहले रामनाथ गोस्वामी पूजा पाठ आदि का कार्य किया करते थे। रामनाथ गोस्वामी का अपनी पत्नी के सिवाय और कोई नही था। काफी समय से रामनाथ गोस्वामी और उसकी पत्नी शारदा की तबीयत बहुत खराब थी। साधनों के अभाव में वह अपना इलाज तक नहीं करा सके और न ही दो वक्त की रोटी। जैसे तैसे भगवान भरोसे ईट भट्टे की कोठरी में अपने दिन काट रहे थे। तबीयत इतनी बिगड़ गई उनके शरीर में कीड़े पड़ गए जिसकी वजह से उनको चलने फिरने में भी तकलीफ होने लगी । लंबा समय बीत जाने पर। किसी तरह सीओ बिल्सी दरिया दिल अनिरुद्ध सिंह को इसकी सूचना मिली और उनसे रहा नहीं गया। उन्होंने वृद्ध दंपत्ति को उस ईट भट्टे की कच्ची कोठरी से लेने पहुंचे गए।
जहां दंपत्ति अपनी जीवन की सांसे गिन रहे थे। सीओ बिल्सी अनिरुद्ध सिंह के निर्देश पर पुलिस के जवानों ने दुर्गंध युक्त कोठरी से दंपति को निकाला और उन्हें सीएचसी बिल्सी इलाज के लिए ले गए। पुलिस के जवानों का हौसला देखते ही बन रहा था। जब वह उस दंपति की सेवा में लगे थे। डॉक्टरों ने भी मानवता का धर्म निभाया और उनके शरीर से कीड़े निकाले साफ सफाई की वही उपचार के बाद सीओ के निर्देश पर दंपति की सुरक्षा और स्वास्थ्य को देखते हुए वृद्धाश्रम भिजवा दिया। वृद्ध रामनाथ गोस्वामी जिंदगी की जंग से लड़ते हुए हार गए और शुक्रवार की रात नौ बजे अंतिम सांस ली। वही उझानी प्रभारी निरीक्षक विशाल प्रताप, के नेतृत्व मैं व निजी खर्चे पर कछला चौकी इंचार्ज रजनीश कुमार ने मृतक रामनाथ गोस्वामी के शव को कछला गंगा घाट ले जाकर वृद्ध रामनाथ गोस्वामी का विधि विधान से अन्तिम संस्कार कराया। सीओ बिल्सी उझानी कोतवाली प्रभारी निरीक्षक विशाल प्रताप व पुलिस के अधिकारियों और जवानों ने बेटे होने का फर्ज भी निभाया।