प्रदेश के शिक्षकों में पुरानी पेंशन न मिलने से भारी रोष
प्रान्तीय अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा के आह्वान पर शिक्षकों ने ट्विट्टर पर पुरानी पेंशन बहाली हेतु चलाया अभियान-
2 घंटे 30 मिनट में शिक्षकों ने 10 लाख से ज्यादा ट्वीट्स कर ट्विट्टर पर OPS के मुद्दे को भारत में प्रथम एवं विश्व में पंचम स्थान पर बनाये रखा।
बदायूं। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ0 दिनेश चंद्र शर्मा के आह्वान पर आज प्रदेश में शिक्षकों के द्वारा पुरानी पेंशन बहाली हेतु ट्विटर पर हैश टैग #WeWantOldPension का प्रयोग करते हुए एक ट्विट्टर महा अभियान चलाया गया। जिसमें मात्र 2 घण्टे 30 मिनट में शिक्षकों ने 10 लाख से ज्यादा ट्वीट किए गए। जिनकी शाम 4 बजे तक 14 लाख पहुच गयी।
प्रांतीय प्रचार मंत्री संजीव शर्मा से वार्ता पर उन्होंने बताया कि गत 21 नवम्बर 2019 को उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ के बैनर तले पुरानी पेंशन बहाली हेतु ईको गार्डन लखनऊ में महारैली के दौरान शासन द्वारा प्रांतीय अध्यक्ष डॉ0 दिनेश शर्मा एवं अन्य नेतृत्वकर्ताओं को वार्ता के लिए बुलाकर शीघ्रताशीघ्र पुरानी पेंशन बहाली एवं शिक्षको की अन्य लम्बित मांगो के संदर्भ में सकारात्मक निर्णय करने का आश्वाशन दिया था। जिसको लगभग 2 वर्ष पूर्ण होने को है परन्तु शासन द्वारा इस सम्बंध में कोई निर्णय नही किया। जिससे प्रदेश के शिक्षक आज ठगा सा महसूस कर रहे है। उनका कहना है कि शासन द्वारा झूठा आश्वासन देकर शिक्षकों एवं कर्मचारियों के साथ छल किया गया।
प्रांतीय नेतृत्व द्वारा जून में निदेशालय पर अनिश्चितकालीन धरना प्रस्तावित था। परन्तु प्रदेश में कोरोना संक्रमण की भयावह स्थिति एवं शासन द्वारा प्रदेश में एस्मा लागू कर दिए जाने के कारण शिक्षकों की संक्रमण से रक्षा हेतु सड़को पर धरना प्रदर्शन तो नहीं परंतु ऐसी परिस्थिति में शिक्षकों को पुरानी पेंशन दिलाने हेतु यह अभियान चलाया गया।
जिला सह संयोजक उदयवीर सिंह यादव एवं शैलेन्द्र सिंह ने कहा कि 2004 के बाद नियुक्त हुए कर्मचारी अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। चूंकि उनकी पेंशन बंद हो गई है तो बुढ़ापे में कौन उनका सहारा बनेगा?
जिला मीडिया प्रभारी आयुष भारद्वाज ने कहा कि सभी कर्मियों को बराबरी का दर्जा मिलना चाहिए। 2004 से पहले के कर्मी पुरानी पेंशन व्यवस्था के दायरे में हैं, लेकिन उसके बाद नियुक्त हुए कर्मियों को एनपीएस में शामिल कर दिया गया। पेंशन को पुरानी सेवा के रिवार्ड के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। बल्कि ये तो कर्मचारी के लिए बुढ़ापे का सहारा है। पुरानी पेंशन स्कीम में कर्मचारी को जीपीएफ का बड़ा फायदा मिलता था। वे किसी भी जरूरत के समय इस राशि का इस्तेमाल कर सकते थे।
प्रांतीय प्रचार मंत्री एवं जिला संयोजक बदायूँ संजीव शर्मा ने बताया कि आज के ट्विट्टर अभियान में जनपद बदायूँ के शिक्षकों ने लगभग 1 लाख ट्वीट्स किये।
यह भी कहा कि प्रदेश के शिक्षक अपनी विभिन्न लम्बित मांगो के पूरा होने तक प्रांतीय आह्वान पर टि्वटर आदि सोशल मीडिया साइट्स पर अपना विरोध प्रदर्शित करते रहेंगे।