पैनी नजर सामाजिक संस्था ने मांग की दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हो

बरेली। थाना भुता क्षेत्र के गांव म्यूंडी खुर्द में कल पुलिस की बर्बरता पूर्ण मार से तंग आकर 18 वर्षीय युवक ने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त की। घटना की जानकारी मिलते ही पैनी नजर सामाजिक संस्था की अध्यक्ष व आम आदमी पार्टी रोहिलखंड प्रांत की उपाध्यक्ष एडवोकेट सुनीता गंगवार ने पीड़ित परिवार से मिलकर पुलिस के अत्याचार की पूरी घटना की जानकारी प्राप्त की। 18 वर्षीय युवक पर लड़की को गायब करने का आरोप लड़की के परिवार वालों ने लगाया था जिसकी चलते पुलिस ने पूछताछ है हेतु कई बार युवक को थाने बुलाकर बेरहमी से मारा। घटना की रात वाले दिन युवक को थाने बुलाकर इतना मारा के उसके शरीर के पीछे वाला भाग पूरा नीला पड़ चुका था शर्मिंदगी और बर्बरता से तंग आकर युवक ने इस रात घर में फांसी पर झूल कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर दी । एडवोकेट सुनीता गंगवार ने घटना की पूरी जानकारी करने पर कहां लड़की चार महीने से घर से गायब है जिस लड़के पर आरोप लगाया है वह लड़का अपने घर पर था अपने घर पर लगातार रह रहा है और सिलाई करके अपने परिवार का पेट पाल रहा था पिता अपाहिज जो काम नहीं कर सकते 6 बहनों का भाई बूढी दादी मां सभी के कमाने का एकमात्र सहारा था। कुलड़िया थाने से द्वारा लगातार उसे लड़के का उत्पीड़न जारी रहा जबकि वह लड़का उसका परिवार कहता रहा मैं उस लड़की को जनता तक नहीं मुझ पर झूठा आरोप लगाया गया है मगर उसकी बात किसी ने नहीं सुनी। सुनीता गंगवार ने कहा आज समाज में इस तरह की बहुत सारी घटनाएं आए दिन घट रही हैं जिसमें कम उम्र की लड़कियां खराब चाल चलन के चलते तमाम लड़कों से फोन पर कांटेक्ट बनाए रखने के तहत घर से भाग जाती हैं और परिवार किसी न किसी लड़के को टारगेट करके लड़कों का उत्पीड़न किया जा रहा है उसी के चलते यह घटना एक गंभीर रूप लेकर समाज के मुंह पर तमाचा है। लड़कियों को भागने से रोकने में अक्षम माता-पिता लड़कों का उत्पीड़न करवाते हैं। यह सोचने का विषय है कानून व्यवस्था के असफलता है के निर्दोष लोग अक्सर पकड़े जाते हैं। संस्था अध्यक्ष ने कहा पुलिस को इस बर्बरता की कानून में कहीं पर भी इजाजत नहीं है लेकिन पुलिस की बर्बरता की अक्सर सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रही है जिससे लगता है कि प्रदेश में कानून का नहीं बर्बरता का जंगल राज है संस्था अध्यक्ष ने कहा ऐसे पुलिस कर्मी को बचाने के लिए विभाग पूरा प्रयास करता है मगर इससे कानून के प्रति लोगों का विश्वास उठ जाता है जब रक्षक ही भक्षक बन जाएंगे तो जनता किसके पास न्याय मांगने जाएगी ऐसे अधिकारियों को भाषण नहीं जाना चाहिए इसके लिए संस्था ग्रामीणों के साथ आंदोलन के लिए बाध्य होगी पुलिस के आल्हा अधिकारी ऐसे बार-बार पुलिस कर्मी को सक्षम धाराओं के अंतर्गत कार्यवाही कर जेल की सलाखों के पीछे भेजना चाहिए जो कानून जनता के लिए है वही कानून जनता के रक्षों के लिए भी है। इस संबंध में संस्था अध्यक्ष एडवोकेट सुनीता गंगवार वरिष्ठ पुलिस उपाधीक्षक बरेली को सोमवार को प्रार्थना पत्र दोषी पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई करने हेतु सौंपेंगे।