बिल्सी। नगर के मोहल्ला साहबगंज स्थित श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर आज मंगलवार को जैन धर्म के सातवें तीर्थंकर भगवान सुपार्श्वनाथ स्वामी का जन्म एवं तप कल्याणक मनाया गया। यहां सबसे पहले जैन धर्मावलंबियों द्वारा भगवान जिनेन्द्र स्वामी का जलाभिषेक कर शांतिधारा की गई। इसके बाद पूजा पाठ कर अर्घ्य समर्पित किये गए। श्री दिगम्बर जैन सभा के मंडलाध्यक्ष प्रशान्त जैन ने बताया कि जैन पुराणों के अनुसार जैन धर्म में 24 तीर्थंकर हुए हैं। तीर्थंकर अर्हंतों में से ही होते हैं। सभी तीर्थंकरों ने साधारण मनुष्य के रूप में जन्म लिया और अपनी इंद्रिय और आत्मा पर विजय प्राप्त करके वे तीर्थंकर बने। इसी कड़ी में भगवान सुपार्श्वनाथ सातवें तीर्थंकर हैं। सातवें तीर्थंकर सुपार्श्वनाथ के पिता वाराणसी के शासक थे। उनका नाम सुप्रतिष्ठ तथा पटरानी का नाम पृथ्वीषेणा था। कहा जाता है कि जब सुपार्श्वनाथ का तेज पृथ्वीषेणा के गर्भ में प्रविष्ट हुआ, तो स्वयं देवराज इंद्र ने रत्न वर्षा करके वाराणसीवासियों को इसकी जानकारी दी थी। इस मौके पर अनिल जैन, अरविंद जैन, ज्योति जैन, मानसी जैन, नीलम जैन, अभिषेक जैन आदि मौजूद रहे।