बदायूं। एक भी बच्चा छूटा तो संकल्प हमारा टूट। इसी कड़ी को जोड़े रखने के लिए प्राथमिक विद्यालय मखमूलपुर नंबर-2 शिक्षिका पूनम तोमर दिव्यांग बच्चों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में लगातार कार्य कर रही है। घर-घर जाकर अभिभावकों से संपर्क कर दिव्यांग बच्चों का नामांकन और उनके गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर कार्य कर रही है। यह शिक्षिका दिव्यांग बच्चों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में पिछले 9 वर्षों से कार्य करती है, जो कि एक महत्वपूर्ण कार्य है। दिव्यांग बच्चों को विशिष्ट शैक्षिक सहायता और देखभाल की आवश्यकता होती है, और विद्यालय में बेहतर वातावरण के साथ इस आवश्यकता को पूरा करने में मदद करती है। ताकि वे समाज में एक सक्रिय भूमिका निभा सकें। उनका कहना है कि अगर यह बच्चे शिक्षित होंगे उन्हें आत्मनिर्भर बनने और समाज में योगदान करने में मदद मिलगी और वो अपनी क्षमता के अनुसार आगे बढ़ सकेंगे।इन बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए शिक्षिका द्वारा विद्यालय में रुचि पूर्ण शिक्षण के लिए विशेष योजनाएँ बनाती है। सभी दिव्यांग बच्चों के लिए अनुकूल शिक्षण वातावरण बनाती है। शिक्षिका द्वारा दिव्यांग बच्चों के साथ संवाद करने और उनकी जरूरतों को समझने के लिए अतिरिक्त प्रयास किए जाते हैं। वह दिव्यांग बच्चों के लिए सहायक उपकरण और सामग्री प्रदान करती है, और उन्हें खेल गतिविधियों से सिखाती हैं। शिक्षिका दिव्यांग बच्चों के माता-पिता और देखभाल करने वालों के साथ मिलकर काम करती है ताकि बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके। शिक्षिका का कहना है कि दिव्यांग बच्चों के लिए शिक्षा का क्षेत्र एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, और शिक्षक इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं। उनकी मेहनत और समर्पण के कारण, दिव्यांग बच्चे भी अपने सपनों को साकार कर सकते हैं।