सनातन नववर्ष मेले में कवियों ने बांधा शमा

बरेली। सनातन संस्कृति चेतना ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित तृतीय सनातन नववर्ष मेले का दूसरा दिन भव्यता और आध्यात्मिक आस्था का संगम बन गया। यह मेला भारतीय संस्कृति, परंपराओं और आध्यात्मिकता को सहेजने का अनुपम प्रयास है. जिसमें हजारों श्रद्धालुओं एवं दर्शकों ने सहभागिता की।
कवियों की ओजस्वी वाणी से गूंजा मेला प्रांगण इस शुभ अवसर पर प्रसिद्ध कवयित्री अनामिका अंबर, नेहा नमन, उन्नति भारद्वाज, गौरव चौहान, सौरभ सुमन एवं रोहित राकेश ने अपनी ओजस्वी कविताओं से समां बांध दिया। उनकी रचनाओं ने न केवल श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया बल्कि सनातन संस्कृति की भावनाओं को और प्रखर कर दिया। उपस्थित जनसमूह ने तालियों की गड़गड़ाहट से इन कवियों का स्वागत किया।

बाल कलाकारों की प्रस्तुतियों ने बढ़ाई मेले की शोभा मेले की शुरुआत बाल कलाकारों की पारंपरिक फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता एवं भव्य गणेश वंदना से हुई। छोटे बच्चों द्वारा प्रस्तुत विभिन्न देवी-देवताओं, महान संतों एवं पौराणिक पात्रों की झलकियों ने उपस्थित दर्शकों का मन मोह लिया। इस प्रतियोगिता ने सनातन धर्म की परंपराओं एवं भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों को उजागर किया।

मंदिर में अखंड यज्ञ एवं हवन पूजन, श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़ धार्मिक आस्था को सशक्त करने हेतु मंदिर परिसर में अखंड यज्ञ एवं हवन-पूजन का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। भारतीय जनता पार्टी के क्षेत्रीय अध्यक्ष दुर्गविजय शाक्य एवं बरेली के महापौर डॉक्टर उमेश गौतम ने विधिपूर्वक हवन-पूजन कर आयोजकों को शुभकामनाएँ दी एवं सनातन संस्कृति के उत्थान हेतु इस पहल की सराहना की।
प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति से बढ़ा आयोजन का गौरव-मेले का विधिवत उद्घाटन बरेली की महापौर डॉक्टर उमेश गौतम द्वारा किया गया। अपने संबोधन में उन्होंने आयोजकों को इस भव्य उत्सव की सफलता हेतु बधाई दी और कहा कि “इस प्रकार के आयोजन सनातन संस्कृति की जड़ों को मजबूत करने के साथ-साथ समाज को एकजुट करने में सहायक सिद्ध होते हैं।”

हस्तशिल्प, हैंडलूम और पारंपरिक व्यंजनों के स्टॉल बने आकर्षण का केंद्र मेले में देशभर के विभिन्न हस्तशिल्प, हैंडलूम, पारंपरिक परिधानों एवं व्यंजनों के आकर्षक स्टॉल लगाए गए। राजस्थान से आए विशेष व्यंजन, उत्तर प्रदेश की पारंपरिक मिठाइयाँ, हस्तनिर्मित वस्त्र एवं धार्मिक पुस्तकें आगंतुकों के आकर्षण का केंद्र बनीं। स्थानीय कारीगरों और उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए यह मेला एक महत्वपूर्ण मंच सिद्ध हुआ।
तृतीय सनातन नववर्ष मेला न केवल मनोरंजन और आध्यात्मिकता का संगम है, बल्कि यह सनातन संस्कृति एवं परंपराओं को जीवंत बनाए रखने का एक सुंदर प्रयास भी है। इस मेले में धार्मिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक एवं व्यावसायिक गतिविधियों का बेहतरीन संयोजन देखने को मिला, जिसने हर आयु वर्ग के लोगों को आकर्षित किया।

इस मेले में हजारों श्रद्धालु एवं आगंतुक पहुंचे और उन्होंने इस अनूठे आयोजन का भरपूर आनंद उठाया। आयोजकों ने सभी आगंतुकों को धन्यवाद दिया एवं अगले वर्ष और भी भव्य आयोजन का संकल्प लिया।
सनातन संस्कृति चेतना ट्रस्ट के वर्तमान अध्यक्ष रविन्द्र , सचिव भावेश अग्रवाल , इस मेले के मेला डायरेक्टर रोहित जिंदल , ट्रस्ट के ट्रस्टी गण मनोज दीक्षित , डॉ पवन अग्रवाल , अनुपम खंडेलवाल , दिनेश गोयल , सुबोध गुप्ता मुकेश जैन , आशीष तायल , आशु तायल , अमित भारद्वाज , डॉ रूचिन अग्रवाल , अलोक अग्रवाल , राजन जैन , डॉ भास्कर , डीके सक्सेना , प्रवेश , रोहित गुप्ता , माधव अग्रवाल , उमेश निमानी , पवन दीप सिंह , राहुल गुप्ता एवं संरक्षक रमेश जैन हैं।