बरेली । रामगंगा चौबारी रामगंगा तट पर चल रहे स्वामी त्रेतानंद गिरी महाराज की गौशाला में रुद्र महायज्ञ का तृतीय दिवस का आयोजन धूमधाम से हुआ जिसमें सभी यजमानों ने महारूद्र पाठ की आहुतियां लगाई एवं राम कथा आचार्य राम दयाल मिश्र जी द्वारा श्रवण करी वहीं आचार्य ब्रह्मस्वरूप शर्मा गुरु ने बताया कि अग्नि स्थापन के बाद नित्य परिक्रमा करने का विधान है शास्त्रों में ऐसा बताया गया है की यानि कानि च पापानि जन्मांतर कृतानि च, तानि सर्वाणी नाशयन्तु प्रदक्षिणा पदे पदे। अर्थात जन्म जन्मांतर के पाप जो जाने अनजाने में भी प्राणी मात्र से हो जाता है। वह प्रदक्षिणा मात्र से ही समाप्त हो जाता है। उसी तरह से यज्ञमंडप की परिक्रमा करने से जन्म-जन्मांतर के पाप तो नष्ट होते ही हैं मानव जीवन में सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त होता है यदि जीवन में ऐसा सौभाग्य मिलेगा तो यज्ञमंडप की परिक्रमा अवश्य ही करना चाहिए। आचार्य जी ने बताया यह कार्यक्रम बाबा गुरु जी परम् श्रद्धेय गौलोकवासी स्वामी त्रेतानन्द महाराज जी की पुण्य स्मृति में हुआ है जो 11 मार्च तक चलेगा यज्ञ आचार्य अनिल शर्मा आचार्य देवेश मिश्रा ,हिमांशु शर्मा ,जितेंद्र मिश्रा , अंकित मिश्रा , निर्दोष शर्मा , भानु पांडे ,लवी नारायण शर्मा एवं मोनू शर्मा आदि ने मंत्र उच्चारण कर यज्ञ किया जिसमें मुख्य यजमान मुनेंद्रदत्त मिश्रा, गजेंद्र पांडे, सतीश सिंह , कौशल सारस्वत , कौशल सिंह , रमेश तिवारी , के सी मिश्रा , प्रमोद उपाध्याय राम खिलाड़ी शर्मा आदि उपस्थित रहे वहीं देख रेख अध्यक्ष मुनेंद्र पाल सिंह आदि भक्तों की रही ।