बरेली। न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश (त्वरित न्यायालय) प्रथम बरेली रवि कुमार दिवाकर ने शुक्रवार को एक बड़ा निर्णय सामने आया जिसमें आरोपी शिव गोविंद त्रिपाठी पुत्र राम सहाय त्रिपाठी को 32 साल बाद अपनी पत्नी की दहेज हत्या के आरोप से बरी करते हुए दोषमुक्त किया गया । न्यायाधीश की उपस्थिति में ये निर्णय निष्पादित किया गया जिसमें मृतका के मृत्युकालिक कथन के आधार पर एवं शिव गोविंद त्रिपाठी द्वारा अपनी पत्नी को बचाने में स्वयं झुलसने को आधार मानते हुए शिव गोविंद के विरुद्ध सभी आरोप को मिथ्या माना एवं शिव गोविंद त्रिपाठी के अधिवक्ता नरेंद्र मोहन की काफ़ी मेहनत रही और उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि प्रत्येक बिंदु व साक्ष्य का गहन परीक्षण आपको अपने मुवक्किल को राहत व न्याय दिलाने में काम करता है एवं जिसे न्याय प्रणाली से जुड़े लोग ही देख पाते हैं और ये मैंने अपने पिताजी स्व. चन्द्र शेखर एडवोकेट से सीखा है और उसी सीख से सेवक के रूप में कार्य कर रहे हैं । साथ ही मैं न्यायालय को ह्रदय से धन्यवाद करता हूँ जिन्होंने न्याय निष्पादित करने में त्वरित प्रक्रिया अपनाई एवं 32 साल बाद न्याय दिलवाया ।