बदायूँ में सुपर स्टार अमिताभ बच्चन के दामाद सहित 09 लोगों पर मुकदमा दर्ज
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बदायूं । जनपद के दातागंज कोतवाली क्षेत्र के गांव पापड़ हमजापुर के रहने वाले 40 वर्षीय जितेंद्र सिंह की कस्बा दातागंज के रहने वाले लल्लाबाबू के साथ मिलकर दातागंज और कस्बा म्याऊं में फार्मट्रेक ट्रैक्टर की दो एजेंसियां ले रखी थी जितेंद्र का पार्टनर लल्लाबाबू कुछ दिन पहले पारिवारिक झगड़े में जिला कारागार में बंदी था तो 8 दिन से फार्मट्रेक ट्रैक्टर कंपनी के लोग आकर जितेंद्र पर ट्रैक्टर बेचने एवं उधारी के पैसे निकालने का लगातार दबाव बना रहे थे जितेंद्र पार्टनर के जेल जाने की वजह से परेशान था उधर फार्मट्रेक कंपनी वाले भी परेशान कर रहे थे इन सभी से क्षुब्ध होकर सुबह 6 बजे घर की बैठक के कमरे में जितेंद्र ने फांसी लगाकर जान दे दी और मरने से पहले सुसाइड नोट भी लिखकर छोड़ दिया जिसमें अपनी मौत का जिम्मेदार कंपनी के वर्करों को बताया।
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काफी प्रयास के बाद भी पुलिस ने रिपोर्ट नही लिखी। मृतक के भाई ज्ञानेंद्र सिंह ने कोर्ट की शरण ली। उन्होंने सिविल जज ज्यूडिशियल दातागंज कोर्ट में वाद दायर किया। इस पर कोर्ट ने दातागंज कोतवाली पुलिस को रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना करने के आदेश दिए। दातागंज कोतवाल का कहना है कि कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज हुआ है,जांच में पता लगेगा कौन कितना दोषी है। मुकदमा दातागंज के सिविल जज जूनियर डिविजन के आदेश पर लिखा गया। इसमें मृतक एजेंसी संचालक जितेंद्र का भाई ज्ञानेंद्र पुत्र शिव सिंह निवासी गांव पापड़ हमजापुर कोतवाली दातागंज वादी है। ज्ञानेंद्र ने बताया कि मेरा भाई जितेन्द्र (40) बदायूं में जय किसान ट्रेडर्स फॉर्म ट्रक-ट्रैक्टर की एजेंसी अपने सह पार्टनर के साथ बतौर मालिक के रूप में चलाता था। सह पार्टनर लल्ला बाबू पारिवारिक विवाद के चलते जेल चला गया। इसके बाद जितेन्द्र एजेंसी की अकेले ही देखरेख कर रहा था। ज्ञानेंद्र ने बताया- आशीष बालियान (एरिया मैनेजर), सुमित राघव (सेल्स मैनेजर) व दिनेश पंत (हेड बरेली), पंकज (फाइनेंसर कलेक्शन), अमित पंत (सेल्स मैनेजर), नीरज मेहरा (सेल्स हेड), निलिख नंदा पुत्र राजन (COM) व शिशान्त गुप्ता (डीलर शाहजहांपुर) व अन्य एक अज्ञात व्यक्ति नाम व पता नामालूम अक्सर एजेंसी पर आकर जितेन्द्र को धमकाते थे।
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कहते थे- अगर तुमने सेल को नहीं बढ़ाया तो तुम्हारा लाइसेंस निरस्त कर देंगे। एजेंसी खत्म कर देंगे और तुम्हें इतना परेशान कर देंगे कि तुम्हारी पूरी संपत्ति बिक जाएगी। आशीष बालियान समेत सभी की यह बात सुनकर मेरा भाई जितेन्द्र काफी परेशान रहता था। अक्सर घर पर आकर मुझे और परिवार वालों, अपने दोस्तों को कम्पनी के द्वारा की जा रही प्रताड़ना के बारे में बताया करता था। हम लोग उसे सब ठीक हो जाने की बात कहकर समझा दिया करते थे। 21 नवंबर को भी धमकाया मुकदमे के मुताबिक ज्ञानेंद्र समेत उनके भाई किशोरपाल जितेन्द्र की ट्रैक्टर एजेंसी पर थे, तभी आशीष बालियान अपने अन्य सहकर्मियों सुमित राघव आदि के साथ मेरे भाई की ट्रैक्टर एजेंसी पर आया और सेल बढ़ाने का काफी दबाव डाला। काफी खरी-खोटी सुनाई और उन्हें काफी लज्जित कर मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया। जिसकी पुष्टि एजेंसी के स्टाफ ने भी की। मानसिक रूप से प्रताड़ित किए जाने के कारण ही अगले दिन जितेंद्र ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कराया लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। इसके बाद न्याय के लिए ज्ञानेंद्र 8 जनवरी को कोर्ट गए। दो फरवरी को कोर्ट ने एफआईआर के आदेश दिया।