डीपीएस स्कूल में जूनियर सिविल एस्परेंट की मुख्य परीक्षा हुई, 436 छात्र-छात्राएं शामिल हुए

बदायूँ। दिल्ली पब्लिक स्कूल में प्रीलिम के बाद आज जूनियर सिविल एस्परेंट मुख्य परीक्षा का आयोजन किया गया।
आपको बता दें कि 30 जनवरी को सिविल प्रीलिम परीक्षा आयोजित कराई गई थी। जिसमें करीब 732 छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया था। जिसमें 436 छात्र छात्राओं ने यह परीक्षा उत्तीर्ण कर आज मुख्य परीक्षा में हिस्सा लिया है। कक्षा 5 से लेकर उच्च कक्षा तक प्रतिवर्ष एक निर्धारित पाठ्यक्रम है इसी पाठ्यक्रम के आधार पर परीक्षाओं का संयोजन एवं संचालन किया जाता है सिविल सेवा मुख्य परीक्षा तक की यह यात्रा कठिन परिश्रम समर्पण और धैर्य का परिणाम है। विद्यालय केवल शिक्षा का केंद्र नहीं बल्कि वह स्थान है जहां छात्रों के स्वर्णिम भविष्य की नींव रखी जाती है ।कई बार छात्रों को इसका आभास नहीं होता कि उनके भविष्य की रूपरेखा पहले ही विद्यालय निर्धारित की जा चुकी होती है। शिक्षक और शिक्षा प्रणाली इस रूपरेखा को धीरे-धीरे मूर्त रूप देते हैं ताकि छात्र अपनी संभावनाओं को पहचान सके और सही दिशा में आगे बढ़ सके। डी.पी.एस बदायूं ने छात्रों के उज्जवल भविष्य के लिए इस परीक्षा का संपूर्ण डिजाइन तैयार किया, इसका उद्देश्य वास्तविक अर्थों में तब पूर्ण होगा जब यह सिविल सेवा की प्रतियोगी परीक्षा को फेस करने के लिए पूर्ण रूप से तैयार होंगे। यह सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है डी.पी.एस बदायूं का यही प्रयास है कि छात्र इस परीक्षा को कठिन ना समझें,अभी से तैयारी करें और आने वाले भविष्य में इस परीक्षा को सफल कर एक सफल प्रशासनिक ओहदे पर पहुंचें। इसीलिए डी.पी.एस बदायूं इसका अंकुरण छात्र जीवन में अभी से कर रहा है सिविल सेवा जो छात्रों का सपना होता है उसे हकीकत में बदलने का एक छोटा सा प्रयास डी.पी.एस बदायूं कर रहा है। विद्यालय परीक्षा प्रभारी ने बताया कि यह जूनियर एस्परेंट परीक्षा का द्वितीय चरण (मुख्य परीक्षा) था इसके बाद साक्षात्कार (इंटरव्यू) ,जो इस परीक्षा में पास होंगे वह इंटरव्यू के लिए मान्य होंगे यह बच्चे इंटरव्यू में एक पैनल से होकर गुजरेंगे। जिसमें विगत वर्ष की तरह रिटायर्ड आई.ए.एस. आई.पी.एस अधिकारी छात्रों को जांचेंगे परखेंगे। आशा है कि आने वाले समय में यह बच्चे विद्यालय व अभिभावकों का नाम रोशन करेंगे इसी सोच के साथ डी.पी.एस बदायूं सर्वदा आपके साथ।