जांच न निगरानी, शुद्धता के भरोसे रोज बिक रहा लाखों लीटर पानी।

उझानी। सहालग के सीजन में शुद्ध पेयजल की मांग काफी बढ़ गई है। जिले में रोजाना लाखों लीटर पानी का कारोबार हो रहा है। शहर से देहात तक संचालित करीब 40 आरओ प्लांट से धड़ल्ले से जार में पानी की आपूर्ति की जा रही है। हालांकि, इस पानी की शुद्धता को लेकर न कोई जांच होती है और न ही आरओ प्लांट पर साफ-सफाई की निगरानी है। आरओ के नाम पर पानी का यह कारोबार चल रहा है।
शहर के कई गली मोहल्लों में दर्जनों जगहों पर बिना पंजीकरण के आरओ प्लांट संचालित किए जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी बड़े आरओ प्लांट स्थापित हैं। शहर में एक प्लांट से प्रतिदिन कम से कम पांच हजार लीटर पानी का आपूर्ति की जा रही है। आरओ के पानी के 15 लीटर जार की कीमत 20-30 रुपये तक वसूली जा रही है। आरओ प्लांट संचालक पानी से कमाई कर रहे हैं। यदि मानकों की बात की जाए तो कोई प्लांट भू-गर्भ जल विभाग में पंजीकृत नहीं है। ऐसे में आरओ प्लांट से किस मानक के पानी की आपूर्ति की जा रही है, इसकी जानकारी किसी को नहीं है। पानी के डिब्बों पर रसायन की मात्रा, उत्पादन तिथि और खराबी की तिथि तक नहीं लिखी जा रही है। ऐसे में आरओ प्लांट संचालकों का धंधा तेजी से फल-फूल रहा है। वह शुद्ध पेयजल के नाम पर लोगों को सिर्फ ठंडा पानी पिला रहे हैं। सोमवार को शहर के कुछ आरओ प्लांट की स्थिति का जायजा लिया गया तो सफाई का अभाव दिखा। पानी की आपूर्ति में इस्तेमाल किए जाने वाले जार इधर-उधर फेंके मिले। उनकी सफाई का इंतजाम नहीं था। प्लांटों के वाहन पांच हजार लीटर की टंकी रखकर शहर भर में घूमकर पानी की आपूर्ति कर रहे हैं। इन टंकियों को न तो ढंका जाता है और न ही पानी का निश्चित तापमान बनाए रखने का कोई इंतजाम है। सुबह कछला रोड, स्टेशन रोड, बिल्सी रोड , बदायूं रोड, अस्पताल क्षेत्र, लिंक रोड पर पानी की आपूर्ति करने वाली गाड़ियां बड़ी संख्या में दिख जाती हैं। 500 पीपीएम तक होना चाहिए टीडीएस वनस्पति विज्ञानी ने बताया कि शुद्ध पानी में टीडीएस की मात्रा 500 पीपीएम (पार्ट्स प्रति मिलियन) होनी चाहिए। इसका पीएच लेवल 7.0 से 8.5 के बीच होना चाहिए। इससे ज्यादा होने पर नुकसानदेह है। निजी आरओ से आपूर्ति किए जाने वाले पानी में टीडीएस और पीएच की नियमित जांच होनी चाहिए। पानी में अशुद्धता से लोग त्वचा रोग, पथरी, हेपेटाइटिस या पीलिया, हैजा, पोलियो, टायफाइड, डायरिया आदि के शिकार हो सकते हैं !