बरेली। जनहित याचिका संख्या-1944/2022 (इम्तियाज हुसैन बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य) में पारित आदेशों के अनुसरण में, अब सम्पत्तियों की रजिस्ट्री में पार्क, ग्रीन बेल्ट और महायोजना मार्ग के भू-उपयोग का उल्लेख करना अनिवार्य होगा। इस संबंध में दिनांक 3 फरवरी को बरेली विकास प्राधिकरण के कार्यालय में एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस वर्कशॉप में बरेली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष, सचिव, मुख्य नगर नियोजक, विशेष कार्याधिकारी, वास्तुविद नियोजक, नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के प्रतिनिधियों के साथ-साथ सदर प्रथम व द्वितीय, मीरगंज और आंवला तहसील के सब रजिस्ट्रारों ने भाग लिया। माननीय न्यायालय के आदेशों के अनुसार, अब महायोजना में प्रस्तावित पार्क, खुले स्थल, हरित पट्टिका, क्रीड़ा स्थल तथा महायोजना मार्ग के भू-उपयोग का विवरण गाटा संख्यावार रजिस्ट्री कार्यालय को उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही, भूमि के विक्रय विलेखों में इन भू-उपयोगों की जानकारी का अनिवार्य रूप से उल्लेख किया जाएगा। इससे आम जनमानस को भू-उपयोग की सही जानकारी मिल सकेगी और वे धोखाधड़ी से बच सकेंगे। इसके अतिरिक्त, विक्रय विलेखों में यह भी स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाएगा कि भूमि विकास प्राधिकरण या किसी अन्य विभाग में बंधक नहीं है। बरेली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने जनसामान्य से अपील की है कि सम्पत्ति क्रय करते समय सावधानी बरती जाए। भूमि, भूखंड क्रय करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि वह भूमि विकास प्राधिकरण या किसी अन्य विभाग में बंधक तो नहीं है। साथ ही, भूमि के भू-उपयोग की पूरी जानकारी प्राप्त कर लेना भी आवश्यक है। इस नई व्यवस्था से जनता को पारदर्शिता और सुरक्षा मिलेगी तथा भूमि संबंधी विवादों में कमी आएगी।