बरेली : समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रदेश प्रवक्ता मुहम्मद साजिद ने कहा कि वित्त मंत्री द्वारा पेश किए गए बजट 2024 से युवा, किसान और महिलाओं को काफी उम्मीदे थीं, लेकिन इस बजट में उनके लिए कोई ठोस योजना या राहत की घोषणा नहीं की गई। इससे इन वर्गों में निराशा है। भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहे जाने वाले किसानों को इस बजट से दरकिनार कर दिया गया। किसानों की लंबे समय से मांग थी कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी दर्जा दे, लेकिन इस पर कोई घोषणा नहीं की गई। छोटे किसानों को राहत देने के लिए कर्ज माफी की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। उर्वरक और कृषि उपकरणों पर दी जाने वाली सब्सिडी में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई। इससे खेती की लागत और बढ़ने की आशंका है। देश के करोड़ों युवाओं को रोजगार और शिक्षा के क्षेत्र में राहत की उम्मीद थी, लेकिन बजट में इस दिशा में कोई ठोस उपाय नहीं किए गए। सरकारी नौकरियों में बढ़ोतरी का कोई जिक्र नहीं है। भारत में बेरोजगारी बढ़ रही है, लेकिन सरकारी भर्तियों को लेकर कोई ऐलान नहीं किया गया। उच्च शिक्षा और कौशल विकास के लिए बजट में नाममात्र की बढ़ोतरी की गई, जो युवाओं की उम्मीदों के मुकाबले बहुत कम है। सरकार डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे नारे तो देती है, लेकिन रोजगार और शिक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया।महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण के लिए भी बजट में कोई नई योजना घोषित नहीं की गई। महिलाओं के लिए रोजगार और सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया। ‘मुद्रा योजना’ और ‘स्टैंड अप इंडिया’ जैसी योजनाओं में कोई नए प्रोत्साहन नहीं जोड़े गए। महिला एवं बाल विकास के लिए बजट में केवल थोड़ी सी बढ़ोतरी की गई, जो अपर्याप्त है। पिछले बजटों की योजनाएं जमीन पर नहीं उतरीं। 11 साल में एक भी स्मार्ट सिटी नहीं बनी। यह बजट सिर्फ बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाया गया है, जबकि किसानों, युवाओं और महिलाओं को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है।