एनएसएस स्वयंसेवी पर्यावरण संरक्षण को जन आंदोलन बनाएं : कुलपति

बदायूं।राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर महात्मा ज्योतिबा रोहिलखंड विश्वविद्यालय परिक्षेत्र स्तरीय ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया गया।मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर की के पी सिंह ने सभी स्वयंसेवकों और उनके कार्यक्रम अधिकारियों का आह्वान किया कि पर्यावरण संरक्षण के लिए जन जागरूकता उत्पन्न कर इसे जन आन्दोलन बना अधिक से अधिक प्राकृतिक जीवन जीने की ओर कदम बढ़ाएं। कुलपति ने कहा कि विज्ञान तकनीकी और यंत्रीकरण के युग में मानव सुविधा भोगी और शारीरिक रूप से आलसी हो गया है जो मानव अस्तित्व के ऊपर संभावित संकट का कारण है। उन्होंने कहा कि मानव का अस्तित्व अब तभी बचेगा जब हम सभी जीवन में अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें तथा प्लास्टिक एवं एसी कल्चर का त्याग करें।
मुख्य वक्ता के रुप में क्षेत्रीय निदेशक डॉ अशोक श्रोती ने कहा कि विश्वविद्यालयों को किसी भी संस्था को मान्यता प्रदान करने के पूर्व कैंपस में 40 से 50 प्रतिशत तक ग्रीन बेल्ट और वृक्षारोपण की अनिवार्यता के नियम बना देनी चाहिए।उन्होंने वृक्षारोपण को छात्र छात्राओं के प्रयोगात्मक अंक की परिधि में लाने का भी सुझाव दिया। विशिष्ट अतिथि राज्य संपर्क अधिकारी डॉ अंशुमाली शर्मा ने कहा कि सम्यक संवेदना की कमी के कारण आज हम सभी वर्तमान और भविष्य कि ऐसे दोराहे पर खड़े हैं जहां विकास बनाम विनाश का द्वंद चल रहा है। हम विनाश की की शर्त पर विकास नहीं चाहते। एनएसएस के युवा इन दोनों में समन्वय स्थापित करने की कला को समाज में विकसित करें तथा सामाजिक कार्य का अंग बनाएं। प्लास्टिक उन्मूलन, तालाबों की स्वच्छता,पेट्रोलियम ईंधन विहीन यातायात के साधनों और वाहनों का प्रयोग करने के प्रति स्वयं उत्साहित होते हुए समाज को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें।
कार्यक्रम का संचालन एनएसएस के कार्यक्रम समन्वयक डॉ सोमपाल सिंह ने किया।अतिथियों का स्वागत शाहजहांपुर जनपद की नोडल अधिकारी डॉ शबाना साजिद व डॉ कहकशा बेगम ने किया।
संगोष्ठी में बदायूं के नोडल अधिकारी डॉ राकेश कुमार जायसवाल,अमरोहा के डॉ पीयूष शर्मा, संभल की डॉ रीता सिंह,मुरादाबाद की डॉ प्रीति पांडे, बिजनौर के डॉ धनंजय सिंह अपने जिले के समस्त कार्यक्रम अधिकारियों एवं स्वयंसेवियों के संग उपस्थित रहे। इस अवसर पर डॉ राजीव यादव, डॉ यशार्थ गौतम, डॉ अमिता गुप्ता, डॉ शोभा गुप्ता,डॉ प्रतिभा पांडे, डॉ अशोक कुमार, डॉ शिल्पा जैन,डॉ रेनू चौहान,डॉ सुनीता सिंह,डॉ अनुभा गुप्ता, डॉ मीनाक्षी सागर, डॉ रजत गंगवार,डॉ रानू दुबे,डॉ अनुज राजपूत,डॉ अनिल कुमार बिष्ट, डॉ नीलम बालियान,डॉ इति अधिकारी, डॉ सरला चक्रवर्ती,डॉ मो तारीक, डॉ मीनू बिश्नोई,डॉ नीति शर्मा,डॉ नेमिका सिंह आदि ने विचार व्यक्त किए।