बाबा इन्टरनेशनल स्कूल में हुई निबंध लेखन प्रतियोगिता,बच्चों ने उत्साह दिखाया

बिल्सी।नगर के बाबा इंटरनेशनल स्कूल में कक्षा 1 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए निबंध लेखन प्रतियोगिता का भव्य आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य विद्यार्थियों में सृजनात्मक प्रतिभा का विकास करना एवं उनमें लेखन कौशल, चिंतन-मनन और अभिव्यक्ति की क्षमता को बढ़ावा देना था। प्रतियोगिता को तीन वर्गों में विभाजित किया गया। कक्षा 1 से 5 तक के विद्यार्थियों को “स्वस्थ भोजन” विषय पर निबंध लिखने का अवसर दिया गया, जिससे बच्चों में संतुलित आहार, स्वास्थ्य और पोषण के महत्व की समझ विकसित हो सके। कक्षा 6 से 8 के विद्यार्थियों को “बिजली रहित एक दिन” विषय दिया गया, जिस पर उन्होंने आधुनिक जीवन में बिजली के महत्व और उसके अभाव में आने वाली कठिनाइयों को अपने शब्दों में अभिव्यक्त किया। वहीं कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों ने “पर्यावरणीय आपदाएँ” विषय पर अपने विचार व्यक्त किए और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता पर गंभीर चिंतन प्रस्तुत किया। विद्यालय के सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक प्रतियोगिता में भाग लिया। बच्चों ने अपने विचारों को सुन्दर एवं प्रभावशाली शब्दों में व्यक्त कर यह सिद्ध किया कि यदि उन्हें उचित दिशा और अवसर मिले तो वे समाज में सकारात्मक संदेश फैलाने में सक्षम हैं। प्रतियोगिता में कक्षा 1 से ओशी वार्ष्णेय, अम्बर शर्मा व कियारा माहेश्वरी, कक्षा 2 से अक्षत, महक वार्ष्णेय व अनंत माहेश्वरी, कक्षा 3 से प्रियांशी सिंह, अतिक्ष व लवी वार्ष्णेय कक्षा 4 से तियाषा यादव, पल्लवी राघव व अदित्री सक्सेना कक्षा 5 से अनिकेत मौर्या, आन्या सिंह व अरिन सिंह, कक्षा 6 से आराध्या गौड, दीपान्शी यादव व भूमि शर्मा, कक्षा 7 से रूद्र प्रताप सिंह, अवनी शर्मा व आराध्या राठी, कक्षा 8 से शिवी वार्ष्णेय, परिधि सागर व दीपा पाठक, कक्षा 9 से वंशिका दिवाकर, अनन्या माहेश्वरी व योग्यता वार्ष्णेय, कक्षा 10 से तनु गुप्ता, आशुतोष यादव व आदित्य यादव, कक्षा 11 से वैष्णवी वार्ष्णेय, कक्षा- 12 से रिया चौधरी, सोम्या माहेश्वरी व अनन्या माहेश्वरी ने अपनी कक्षा में क्रमशः प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किया। विद्यालय डायरेक्टर अनुज वार्ष्णेय ने विद्यार्थियों की प्रतिभाग करने कि रूचि की सराहना करते कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी जीवन में कुछ न कुछ विशेष प्राप्त करना चाहता है। कुछ बड़े होकर डॉक्टर या इंजीनियर बनना चाहते हैं तो कुछ व्यापार में अपना नाम कमाना चाहते हैं। सभी की इच्छाएँ अलग-अलग होती हैं। परंतु कोई भी कार्य करने के लिए दृढ़ इच्छा-शक्ति एवं एक निश्चित लक्ष्य का होना अति आवश्यक है। प्रधानाचार्या रूपा माहेश्वरी ने कहा कि प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य बच्चों में छिपी रचनात्मक अभिव्यक्ति को उभारना था। इस प्रतियोगिता के माध्यम से बच्चों ने जाना कि अपने विचारों को शब्दों में लिखित रूप में किस प्रकार अभिव्यक्त किया जा सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि लिखने में एक अलग ही आनंद है। आप अपने भाव और अपने कलात्मकता को दर्शा सकते हैं। इस अवसर पर विद्यालय प्रशासक अमित माहेश्वरी, तथा समस्त स्टाफ मौजूद रहा |