बरेली । माता भाग कौर द्वारा आयोजित साहिबजादों की याद में ढाडी दरबार का आयोजन किया गया। श्री अकाल तख्त साहिब से आए ढाडी जत्था ज्ञानी जगदीश सिंघ ने ढाडी वारें सुना कर संगत को बैरागमय कर दिया। ढाडी वारों में 320 वर्ष पूर्व हुई गुरू गोबिंद सिंघ जी लखते जिगर साहिबजादों की शहादत, दो चमकौर के मैदान एवं दो सिरहंद की दीवारों में चुने जाने का चित्रण कर दिया। जोगी अल्लाह यार खान की पंक्तियां बस हिंद में एक तीर्थ है यात्रा के लिए, कटाए बाप ने बच्चे जहां खुदा के लिए। गाकर भाव विह्वल कर दिया। इससे पहले श्री दरबार से आए हजूरी रागी प्रोफेसर जगरूप सिंघ ने संगत को निहाल किया। हजूरी रागी भाई रविन्द्र सिंघ ने शबद सूरा सो पहिचानिये जो लड़ै दीन के हेत । पुर्जा पुर्जा कट मरै कबहूं न छाडे खेत गुरू का लंगर अटूट बांटा गया। कल छोटे साहिबजादों का शहीदी दिवस है। सुबह दीवान 10 बजे तक एवं रात को भी 10.30 बजे तक चलेंगे। श्री अकाल तख्त साहिब के हुकुम अनुसार सुबह 10 बजे सारी संगत 10 मिनट मूल मंत्र का जाप करेगी। गुरुद्वारा गुरू गोबिंद सिंघ नगर में इसका विशेष आयोजन किया गया है