भारत रत्न’ अटल बिहारी वाजपेयी की जयन्ती प्रतिभा सम्मान समारोह के रूप में मनाई गई
गाजियाबाद, 25 दिसंबर 2024। ‘भारत रत्न’ अटल बिहारी वाजपेयी की जयन्ती पर प्रतिभा सम्मान समारोह के रूप में महर्षि दयानंद विद्यापीठ इंटरमीडिएट कॉलेज, गोविंदपुरम् गाजियाबाद में धूमधाम से मनाई गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुनील शर्मा ( मंत्री, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग उत्तर प्रदेश सरकार) रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता पृथ्वी सिंह (प्रमुख समाजसेवी एवं शिक्षाविद्) ने की। कार्यक्रम में बालेश्वर त्यागी (पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार, विद्यालय संस्थापक/संरक्षक), जयप्रकाश शर्मा (अध्यक्ष), सुभाष त्यागी (उपाध्यक्ष), के०के० गुप्ता (कोषाध्यक्ष), आशुतोष त्यागी (सचिव), अरुण शर्मा (उपसचिव), अन्य गणमान्य जन एवं महर्षि दयानंद विद्यापीठ परिवार के सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन कर किया गया। कार्यक्रम में बालेश्वर त्यागी जी ने उपस्थित जनसमूह का स्वागत करते हुए कहा कि आज बाजपेयी जी की सौवीं जयंती है। उनकी सत्प्रेरणा से हरिश्चंद्र त्यागी सार्वजनिक पुस्तकालय की स्थापना की गई। यह पुस्तकालय जनसहयोग से संचालित है तथा लगातार पाठकों को शिक्षा के क्षेत्र अग्रणी बनाने का प्रयास कर रहा है। तत्पश्चात् पुस्तकालय की स्मारिका ज्ञानदीप का विमोचन मुख्य अतिथि एवं गणमान्य सदस्यों द्वारा किया गया। छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर उनकी जयंती को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।इस अवसर पर डॉ० आनंद शर्मा (प्रवक्ता इतिहास) द्वारा श्री वाजपेयी जी के जीवन से संबंधित काव्यपाठ किया गया। कोमल त्यागी (प्रवक्ता वाणिज्य) ने वाजपेयी जी के जीवन की राजनीतिक घटनाओं पर प्रकाश डाला। यहां आपको बता दें कि हरिश्चंद्र त्यागी सार्वजनिक पुस्तकालय का संचालन जनसहयोग से किया जाता है। 27 वर्षों से निर्बाध सफलतापूर्वक पुस्तकालय का संचालन एक बड़ी उपलब्धि है। हाल ही में 18 दिसंबर को महर्षि दयानंद विद्यापीठ गोविंदपुरम् गाजियाबाद एवं हरिश्चंद्र त्यागी सार्वजनिक पुस्तकालय नेहरू नगर गाजियाबाद ने संयुक्त रुप से अंतर्विद्यालयीय वाद- विवाद, सामान्य ज्ञान, चित्रकला, रंगोली, आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया था। कार्यक्रम की संयोजिका राजेश्वरी चौहान (नागरिक शास्त्र प्रवक्ता) ने कार्यक्रम का संक्षिप्त परिचय दिया। जिनमें 60 विद्यालयों के 807 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया था। इस अवसर पर प्रतियोगिताओं के 38 विजेताओं तथा पुस्तकालय में ध्येय वाक्य लिखने वाले विद्यार्थी आकाश वर्मा को एवं सर्वश्रेष्ठ पाठिका भावना को पुरस्कृत किया गया।अपने संबोधन में मुख्य अतिथि ने कार्यक्रम में आमंत्रित किए जाने के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि विद्यार्थी जीवन में जो पुरस्कार व प्रमाण पत्र मिलते हैं वे भारत रत्न से कम नहीं होते। उन्होंने कहा कि अटल जी का जन्म सत्ता भोगने के लिए नहीं अपितु देशसेवा के लिए हुआ था। वे एक व्यक्ति ही नहीं अपितु विचारधारा थे।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पृथ्वी सिंह ने कहा कि यह कार्यक्रम पहले अटल कर्तव्य पुरुष सम्मान समारोह के रूप में मनाया जाता था अब अटल प्रतिभा सम्मान समारोह में मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि अटल जी का एक महान गुण अपने विरोधियों को भी स्वीकार करना था। उन्होंने छात्रों के गायन को उच्च कोटि का बताया।विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉक्टर सीमा सेठी जी ने आगन्तुक महानुभावों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अटल जी छात्रों एवं युवा वर्ग के लिए प्रेरणा स्रोत थे। उनका मानना था कि हमें अपने लिए नहीं अपितु आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रयास करना चाहिए।