बदायूँ में सूर्यकुंड का मामला तूल पकड़ा,हिन्दू संगठन व पुलिस के खिलाफ बौद्ध भिक्षु लामबंद
बदायूँ। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने कल शहर के समीपवर्ती मझिया गांव स्थित सूर्यकुंड सम्राट अशोक पर्यटक स्थल बुद्ध विहार में छापा मारा था। उन्होंने सूर्यकुंड में देखा कुछ लोगों ने उस पर कब्जा कर लिया था। शिवलिंग और नन्दीबाबा की मूर्तियों को जमीन में गड्ढा खोद कर दबा दिया था और ऊपर चबूतरा बना दिया था। हिन्दू संगठन ने मौके पर सिविल लाइन थाना पुलिस को बुलाया और गड्ढा खोद कर शिवलिंग और नन्दीबाबा कि मूर्तियों को बाहर निकाला और जलाभिषेक करके पुनः स्थापित किया। पुलिस ने सूर्यकुंड के कमरों में ताले डाल कर उनमें रह रहे 06 लोगो को गिरफ्तार किया था। उनका शांति भंग में चालान किया और मुचलके पर बाद में छोड़ दिया। इस कार्रवाई पर आज बौद्ध भिक्षु संघ आज भड़क गया। उन्होंने मालवीय आवास पर आज बैठक करके आक्रोश व्यक्त किया और आंदोलन की चेतावनी दी। साथ ही पुलिस द्वारा सूर्यकुंड बुद्ध विहार में लगाये गए ताले खुलवाने और बौद्ध भिक्षुओं को वहाँ पुनः बसाने की मांग की। साथ ही पुलिस पर बौद्ध की मूर्ति तोड़ने का आरोप लगाया। बुद्ध वंदना करने के पश्चात भिक्षुगण धूप में बैठकर परिसर में आराम कर रहे थे कि कुछ असामाजिक तत्व बुद्ध विहार परिसर में अचानक घुस आये और हम बौद्ध भिक्षुसंघ के साथ अम्रदता करने लगे और परिसर में तमाम आड़े-तिरछे-लम्बे पत्थरों को देख शिवलिंग बताना शुरू कर दिया और आरोप लगाया कि तुम बौद्ध भिक्षुसंघ लोगों ने हमारे शिवजी को पीपल के पेड़ से हटा दिया और हंगामा काटने लगे। उक्त्त खुरापाती लोगों ने जवाहरपुरी चौकी इन्चार्ज को फोन कर दिया और चौकी पुलिस आने से पहले ही खुरापातियों ने तमाम आड़े-तिरछे पड़े पत्थरो को परिसर में इकट्ठा किया और चौकी इन्चार्ज के आने पर दिखा कर आरोप लगाने लगे कि इन बौद्ध भिक्षुओं द्वारा पीपल के वृक्ष से शिवलिंग को हटाते हुये पीपल का चबूतरा निर्माण किया जा रहा है। बौद्ध भिक्षुसंघ ने चौकी इन्चार्ज को वास्तविक सत्य बताते हुये कहा “कि यहां 15-20 वर्ष पूर्व पीपल का वृक्ष था जो पुराना था दीमक लग जाने के कारण सूखकर गिर गया था
उसी स्थान पर दुबारा पीपल का पौधा उग आया, हमने उस पौधे की देखभाल की और अब वह पेड़ बन गया है, हम बौद्ध भिक्षुगण उक्त पीपल के वृक्ष के चारों ओर पक्का चबूतरा बनाने का विचार कर रहे थे ताकि वृक्ष सुरक्षित रह सके और चारों ओर साफ-सफाई की जा सके” परन्तु चौकी इन्चार्ज ने बौद्ध भिक्षुसंघ की एक न सुनी और समी को उठाकर जवाहरपुरी चौकी ले आये और कुछ देर बाद थाना-सिविल लाइन लाकर सभी बौद्ध भिक्षुसंघ का शान्तिभंग में चालान कर दिया। सभी बौद्ध भिक्षुसंघ ने सिटी मजिस्ट्रेट न्यायालय में जमानत ली और शान्तिभंग अनुबंध पर हस्ताक्षर किये। समी बौद्ध भिक्षुगण कोर्ट परिसर से निकले ही थे कि तभी जवाहरपुरी चौकी इन्जार्ज द्वारा जबरन सभी बौद्ध भिक्षुओं को जबरन अपनी पुलिस जीप में बैठाया और सूर्यकुण्ड बुद्ध विहार में लाये और बौद्ध भिक्षुगणों को चेतावनी दी कि अब जल्दी से अपना बोरिया बिस्तर सूर्यकुण्ड बुद्ध विहार से समेटो और परिसर से बाहर निकल जाओ। उस समय करीब शाम का लगभग छः बज रहा था ठन्डी हवा चल रही थी। बौद्ध भिक्षुसंघ ने जवाहरपुरी चौकी इन्चार्ज का विरोध करते हुये कहा कि आपने हमारा बिना जाँच किये फर्जी आरोपों पर शान्तिभंग का चालान कर दिया, हम बौद्ध भिक्षुसंघ ने कोर्ट द्वारा जमानत भी ले ली, परन्तु अब आप किस उच्च अधिकारी के आदेश से हम बौद्ध भिक्षुसंघ को अपने सामान के साथ सूर्यकुण्ड बुद्ध विहार से जबरन निकाल रहे हो, ये आपकी अतिरिक्त कार्यवाही निन्दनीय है, हम बौद्ध भिक्षुसंघ 15 वर्षों से यहाँ रहकर भगवान बुद्ध एवं समाज की सेवा कर रहे हैं