नो मेहला से निकला परचम कुशाई का जुलूस
बरेली । ख़्वाजा कु़तुब स्थित विश्व विख्यात ख़ानकाहे आलिया नियाज़िया पर मंगलवार को परचम-ए-नियाज़िया लहरा उठा इसी के साथ यहां कु़तबे आलम शाह नियाज़ बेनियाज़ अहमद चिश्ती क़ादरी (र0अ0) का उर्स शुरू हो गया है। ख़ानकाह-ए-आलिया नियाज़िया के सज्जादानशीन अलहाज महेंदी मियाँ नियाज़ी किबला ने परचम कुशाई की रस्म अदा करते हुए 196 वाँ दस रोज़ा उर्स का एलान किया। सिलसिले-ए-नियाज़िया के संस्थापक विश्व विख्यात अज़ीम सूफी बुजु़र्ग कु़तबे आलम हज़रत मौलाना शाह नियाज़ अहमद साहब क़िबाल क़ादरी चिश्ती (रूहानी उत्ताराधिकारी गौस-ए-आज़म ख़्वाजा गरीब नवाज़) का दस रोज़ा उर्स 3 दिसंबर से शुरू होकर 13 दिसंबर तक जारी रहेगा। उर्स की तमाम तक़रीबात अपनी पूरी शानो शौकत और क़दीमी रिवायात के साथ हज़रत अलहाज महेंदी मियाँ नियाज़ी किबला सज्जादा नशीन ख़ानकाहे आलिया नियाज़िया की जेरे सरपरस्ती में मुनअकिद होंगी। दस रोज़ा उर्स में लगातार खानकाही रिवायत के मुताबिक लंगर जारी रहेगा। सुबह रोज़ाना ख़ानकाह के महफिले खाने में कुरआन ख़्वानी की रूहानी महफिल सजेगी और रात को बाद नमाजे़ इशा हिन्दुस्तान के मशहूरों व मारूफ कव्वाल नज़राना-ए-अक़ीदत पेश करेंगे। इसमें सुफियाना कलाम भी पेश किये जायेंगे। इसके अलावा तमाम ज़ायरीन चादरपोशी और गुलपोशी करेंगे। उर्स में शिरकत करने के लिए हिन्दुस्तान के कोने-कोने से और विदेशों से तमाम धर्माें के अक़ीदतमन्द शिकरत करने के लिए ख़ानकाहे नियाज़िया में पहुंच रहे हैं। इस बार जायरीन की भारी तादाद को देखते हुए उनकी सहूलियत का भी खास ख्याल रख गया है। इस बार मौके पर जिला इन्तज़ामियां में भी खास इन्तज़ाम किया है।
इससे पूर्व परचम-ए-नियाज़िया का जुलूस नौमेहला स्थित दरगाह नासिर मियां से रवाना हुआ यहां पहले फातेहा हुई, सलातो सलाम पढ़ा गया, बाद इसके अन्जुमन-ए-साबरिया चिश्तिया के तत्वावधान में परचम का जुलूस ख़ानकाहे नियाज़िया के प्रबन्धक जुनैदी मियां नियाज़ी की क़यादत में रवाना हुआ। यह जुलूस कदीमी रास्तो से होते हुये ख़ानकाहे नियाज़िया पहुंचा। इस जुलूस को हर मज़हबो मिलत के लोगो ने स्वागत किया। जगह जगह फूल बरसाकर जुलूस मे चल रहे ज़ायरीनो का स्वागत किया। जुलूस के ख़ानकाहे नियाज़िया पहुंचने पर सज्जादा नशीन अल्हाज हज़रत मेंहदी मियां साहब क़िबला व ख़ानकाहे नियाज़िया के तमाम साहबज़ादगान ने मुरीदों के साथ जुलूस का इस्तक़बाल किया। इसके बाद जुनैदी मिया नियाज़ी ने परचम को ख़ानकाहे नियाज़िया के सज्जादा नशीन अल्हाज हज़रत मेंहदी मियां साहब क़िबला को सोपा सज्जादा नशीन के हुकुम से उर्स के परचम को खानकाह के सदर दरवाज़े पर नसब कर दिया गया। उर्स की शुरूआत सुबह कुरआन ख़्वानी से हुई। इसके बाद दरगाह शरीफ पर लोगों की हाज़िरी का सिलसिला शुरू हो गया। दोपहर में फातेहा के बाद लंगरखाना खोल दिया गया। जुनैदी मियां ने ख़ानकाहे नियाज़िया के तमाम साहबज़ादों के साथ उर्स की सारी व्यवस्थाओं का स्वयं जायेज़ा लिया। ज़ायरीनों के आने का सिलसिला आज भी बदस्तूर जारी रहा। जुनैदी मियां के निजी सचिव मौलाना कासिम नियाजी ने बताया तमाम तक़रीबात में शिरकत करने के लिए देश-विदेश की ख़ानकाहो के सज्जादगान, मशाइख, प्रोफेसर, डाकटर्स, लेखकर, बुद्विजीव आादि नजराने अकीदत पेश करने के लिए पहुंचे। वही कल से शास्त्रीय संगीत के फनकारो का भी आना शुरू हो जायेगा। इस जुलूस में खासतौर से ख़ानकाहे नियाज़िया के साहबजादे असकरी मिया नियाज़ी , अम्मार मियां नियाज़ी, उमर मिया नियाज़ी ,हमज़ा मिया नियाज़ी ,कायम मिया नियाज़ी, जैन मिया नियाज़ी, नकी मिया नियाज़ी, पाशा मियां नियाज़ी, फुजैल मिया नियाज़ी, मुताहिर मिया नियाज़ी, यावर मिया नियाज़ी, हादी मिया नियाज़ी, मुत्ताकी मिया नियाज़ी, दरगाह नासिर मिया के ख़ादिम वसीम साबरी, कमाल साबरी, बड़ी तदाद मे लोग मौजूद रहे।