बरेली। सिक्खों के प्रथम गुरु व जगतगुरु साहिब श्री गुरु नानक देव जी के 555वें पावन प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में हर साल की भांति सेंट्रल गुरु पर्व कमेटी समूह संगत के सहयोग से 14 एवं 15 नवंबर को बिशप मंडल इंटर कॉलेज मैदान पर मनाने जा रही है। गुरुद्वारा चौकी चौराहा से श्री गुरु ग्रन्थ साहिब महाराज जी का स्वरुप कीर्तन गायन कर फूलों की बरखा करते हुए बिशप मण्डल कालेज के पंडाल मे विशेष पालकी साहिब पर विराजमान कर समागम का आयोजन किया जाएगा। जिसमें पंथ के प्रसिद्ध कीर्तनी जत्थे व कथा वाचक संगत को गुरबाणी कीर्तन से निहाल करेंगे। गुरु नानक साहिब केवल सिखों के ही नही अपितु समूचे जगत के गुरु हैं । उनके उपदेश किसी व्यक्ति विशेष या मजहब विशेष के लिए नहीं बल्कि सम्पूर्ण मनुष्य जाति के उत्थान के लिए हैं । उनकी गुरबाणी मानव मन की स्थिरता व उसके आचरण को ऊँचा करने पर केंद्रित है । उन्होंने लोगों को ईश्वर को पाने के लिए सच बोलने का , गरीबों की मदद करने का , जात व पात खत्म करने का संदेश दिया । उनके तीन सुनहरी सिद्धांत किरत करो ,नाम जपो , वण्ड छको ” का सिद्धांत सिख पंथ के अहम सिद्धान्तों में है । एक पिता एकस के हम बारिक का उपदेश देकर सभी मनुष्यों के अंदर परमात्मा देखने का उपदेश दिया। लंगर प्रथा शुरू करके समाज में भेद भाव को समाप्त करने का उपदेश भी दिया । इस कार्यक्रम में गुरु साहिब की शिक्षाओं को समझने के लिए समागम में विशेष रूप से कीर्तनी व प्रचारक पहुंच रहें हैं। यह जानकारी कमेटी के कमेटी के महासचिव हरप्रीत सिंह खालसा ने प्रेस वार्ता में देते हुए बताया कि 14 नवम्बर की रात 7 से साढ़े 10 बजे तक कीर्तन दरबार का आयोजन होगा जिसकी समाप्ति पर गुरु का लंगर एवं आतिशबाजी का आयोजन भी होगा। मुख्य दिवान 15 को सुबह 8 से दोपहर 3 बजे तक सजेगा। इस बार विशेष रूप से नेत्र दान शिविर भी लगाया जा रहा है इसके अतिरिक्त भी कई स्टाल लगाए जाएंगे। कमेटी अध्यक्ष परमजीत सिंह ओबेरॉय ने समूह संगत को इस प्रोग्राम में बढ़ चढ़कर शामिल होने की अपील की। इस बार विशेष तौर पर प्रिंसिपल सुखवंत सिंघ, भाई अनिकबार सिंघ, भाई मनमोहन सिंघ जी पुंछ (जम्मू) वाले ,भाई प्रेम सिंघ जी बंधु दिल्ली वाले प्रोग्राम में हाजरी भरने पहुंच रहें हैं । इस प्रेस वार्ता में परमजीत सिंह, हरप्रीत सिंह , दलबीर सिंह, देवेंद्र सिंह , मनजीत सिंह नागपाल, परदमन सिंह,सतवंत सिंघ ,परमजीत सिंघ दुआ,डॉ महेंद्र सिंह बासु, मालिक सिंह कालड़ा, सतवंत सिंह चड्डा एवं बरेली शहर के सभी गुरुद्वारों की कमेटियों के पदाधिकारी मौजूद रहे ।