विश्व शांति के लिए जैन मंदिर में हुआ मंत्र का जाप बिल्सी। नगर के मोहल्ला संख्या आठ मुख्य बाजार स्थित श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में जैन अनुनायियों द्वारा आज बृहस्पतिवार को भगवान जिनेन्द्र स्वामी का जलाभिषेक कर शांतिधारा की गई। इसके बाद देश में फैली कोरोना महामारी को खात्मे के लिए णमोकार मंत्र का उच्चारण किया गया। श्री दिगम्बर जैन सभा के मंडलाध्यक्ष पीके जैन ने बताया कि जैन धर्म मे णमोकार मंत्र को महामंत्र की उपाधि दी गई है। इस मंत्र के उच्चारण मात्र से ही मनुष्य पर आये संकट के प्रभाव को तत्काल कम किया जा सकता है। इसलिए उन्होंने जैन श्रावकों से णमोकार मंत्र की जाप करते रहने का आवाहन किया है। उन्होंने कहा कि शास्त्रों के अनुसार णमोकार महामंत्र’ एक लोकोत्तर मंत्र है। इस मंत्र को जैन धर्म का परम पवित्र और अनादि मूल मंत्र माना जाता है। इसमें किसी व्यक्ति का नहीं, किंतु संपूर्ण रूप से विकसित और विकासमान विशुद्ध आत्मस्वरूप का ही दर्शन, स्मरण, चिंतन, ध्यान एवं अनुभव किया जाता है। इसलिए यह अनादि और अक्षयस्वरूपी मंत्र है। अपवित्र अवस्था में भी ण्मोकार मंत्र को मानसिक रूप में हमेशा जापने से पापों का क्षालन होता है। पांच पद वाला यह मूल मंत्र 35 अक्षरी मंत्र कहलाता है। इसको संक्षिप्त रूप में जानने के लिए प्रत्येक पद का प्रथम अक्षर लेकर असिआउसा यह मंत्र बनाया गया है। इस असिआउसा मंत्र का जाप करने से पांचों परमेष्ठियों को नमस्कार हो जाता है। इस मौके पर अनिल कुमार जैन, अरविंद कुमार जैन, ज्योति जैन, मानसी जैन, नीलम जैन, अभिषेक जैन आदि मौजूद रहे।