कारोबारी परिवार को पेशाब से बने खाने का धोखा, लिवर की बीमारी से हुआ खुलासा

गाजियाबाद। रियल स्टेट कारोबारी का पूरा परिवार लंबे समय तक पेशाब से बना खाना खाता रहा। उनकी नौकरानी अपनी पेशाब से बना खाना उन्हें परोसती रही और वे खाते रहे। उन्हें पता तब चला जब एक-एक करके कारोबारी के परिवार के सभी लोग लिवर संक्रमण का शिकार होते गए। कारोबारी ने किचन में कैमरे लगवा दिए जब इसका खुलासा हुआ। कारोबारी की शिकायत पर गाजियाबाद पुलिस ने मंगलवार को आरोपी नौकरानी गिरफ्तार कर लिया। क्रॉसिंग रिपब्लिक क्षेत्र की एक सोसाइटी में एक रियल एस्टेट कारोबारी परिवार के साथ रहते हैं। उनके घर में शांतिनगर निवासी रीना करीब आठ साल से नौकरानी का काम कर रही थी। घर के काम के अलावा वह खाना भी बनाती थी। पिछले कुछ महीनों से परिवार के लोग लिवर संक्रमण का शिकार होने लगे थे। कारोबारी ने डॉक्टर को दिखाया लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। एक-एक करके पूरा परिवार इस संक्रमण का शिकार हो गया। काफी समय तक कारोबारी का परिवार इसे समझ नहीं पाया लेकिन एक दिन शक होने पर उन्होंने अपने किचन में हिडन सीसीटीवी लगवा दिए तो इस मामले का खुलासा हो गया। कारोबारी के अनुसारए उनका परिवार नौकरानी पर पूरा भरोसा करता था इसलिए सबके बीमार होने पर भी उस पर उनका शक नहीं गया। कुछ समय पहले उन्होंने टीवी पर एक सीरियल में देखा कि एक घर की नौकरानी खाने में पेशाब मिलाकर सबको खाना खिलाती थी तो उन्हें अपनी नौकरानी पर भी शक हुआए जिसके बाद उन्होंने सीसीटीवी लगवा दिए। नौकरानी को कैमरों के बारे में पता नहीं थाए जिसके बाद उसकी करतूत कैमरे में कैद हो गई। उन्होंने पुलिस से इस मामले की शिकायत कीए जिसके बाद पुलिस ने नौकरानी को गिरफ्तार कर लिया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि शिकायत के आधार पर क्रॉसिंग रिपब्लिक थाने में मुकदमा दर्ज किया गया और आरोपी काम वाली महिला रीना को गिरफ्तार किया गया। मामले में जांच और आगे की कार्रवाई की जा रही है। फिलहाल महिला नौकरानी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। रीना ने पूछताछ में बताया कि मुझे जब भी मौका मिलता था मैं आते में मूत्र मिलाकर रोटी बनाती थी और इन लोगों को खिलाया करती थी। पूछताछ में रीना ने बताया कि उसके मालिक उसके काम पर नजर रखते थे और छोटी-छोटी गलती पर सबके सामने खरी-खोटी सुनाते थे, जिसका उसे बुरा लगता था। इस बात से नाराज होकर मैंने ऐसा करना शुरू कर दिया। मुझे जब भी किचन के अंदर मौका मिलता था, मैं एक बर्तन में मूत्र करके उससे आता गूंथकर रोटियां बनाया करती थी।