बिल्सी। तहसील क्षेत्र के यज्ञ तीर्थ ग्राम गुधनी में स्थित आर्य समाज मंदिर में सर्वप्रथम कोरोना मुक्ति यज्ञ किया गया। उसके पश्चात संग्रहालय दिवस मनाया गया। सुप्रसिद्ध वैदिक विद्वान आचार्य संजीव रूप ने कहा कि हमें अपने पूर्वजों के पावन स्मृतियों को संजोकर रखना चाहिए। इतिहास पुरुष भी हमारे पूर्वज हैं। हम उनके बताए रास्ते पर चलें तो निश्चित रूप से हमारे परिवारों में समाज में सुख शांति की स्थापना होगी। इसलिए हर वर्ष 18 मई को इस दिवस को मनाया जाता है। कोरोना मुक्ति यज्ञ के 17वें दिन आचार्य ने बिसौली में अरविंद अग्रवाल के यहां कोरोना मुक्ति यज्ञ किया। आचार्य ने संग्रहालय दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमारे पूर्वज इसलिए स्वस्थ रहते थे क्योंकि वह नमस्ते करते थे, हाथ नहीं मिलाते थे, किसी के घर आने पर जूते चप्पल बाहर उतार कर उनके पांव धोए जाते थे। हवन प्रतिदिन किया जाता था। हांडी का हल्दी पड़ा गर्म दूध पीते थे यदि हम अपने पूर्वजों की भांति अपना खान-पान रहन-सहन फिर से बना लें तो कोरोना जैसी महामारी को शीघ्र मिटा सकते हैं। इस मौके पर रितु अग्रवाल, रवि प्रकाश अग्रवाल और उनके परिवार के लोग मौजूद रहे।