बदायूँ। जिलाधिकारी निधि श्रीवास्तव में बुधवार को कलेक्ट्रेट स्थित अटल बिहारी वाजपेयी सभागार में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए आगामी 05 सालों में जनपद में बनने वाले आवासों के सर्वे के लिए एजेंसी का चयन निर्धारित मानकों के अनुसार करने के लिए निर्देशित किया। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, इसमें जरूरतमंदों को आवास उपलब्ध कराए जाते हैं। सरकार का उद्देश्य हर व्यक्ति को छत मुहैया कराना है। उन्होंने कहा कि अधिकारी पूरी पारदर्शिता के साथ योजनाओं का लाभ पात्रों तक पहुंचाना सुनिश्चित करें। परियोजना निदेशक डीआरडीए बलराम कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अंतर्गत अगले 05 सालों में जनपद में बनने वाले आवासों के लिए एजेंसी का चयन 30 अगस्त 2024 तक कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार ने रूपये 15000 मासिक आय करने वाले लोगों को भी योजना का लाभ देने का निर्णय लिया है। वहीं जिन किसानों का किसान क्रेडिट कार्ड रूपये 50 हजार से अधिक का होगा, जिनके पास मैकेनाइज्ड ट्रैक्टर होगा या ढाई एकड़ से अधिक की जमीन होगी, उनको योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जनपद में वर्ष 2016-17 से अब तक प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत 41052 लाभार्थियों को योजना का लाभ दिया जा चुका है। उन्होंने बताया कि 500 आवासों को छोड़कर से शेष सभी आवास पूर्ण हो गए हैं। योजना अंतर्गत रुपए एक लाख बीस हजार तीन किस्तों में दिया जाता है। जिसमें प्रथम किस्त 40 हजार, द्वितीय 70 हजार व तृतीय किस्त रूपये 10 हजार की होती है। इसमें लाभार्थी को मनरेगा योजना अंतर्गत 90 दिन की मजदूरी भी दी जाती है वहीं जिनके पास शौचालय नहीं होगा उनको पंचायती राज विभाग से शौचालय की धनराशि रुपए 12 हजार भी उपलब्ध कराई जाती है। उन्होंने बताया कि एजेंसी के चयन के उपरांत उनकी जनशक्ति गांव-गांव जाकर डाटा इकट्ठा करेगी तथा पूरी पारदर्शिता से लाभार्थियों का चयन किया जाएगा। इस अवसर पर अधिकारी व कर्मचारी गण मौजूद रहे।