बरेली। वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के लोकसभा में पेश होने के बाद आई एम सी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और मीडिया प्रभारी की तरफ़ से संयुक्त बयान सामने आया है प्रवक्ता डॉक्टर नफीस खान ने विधेयक पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा यह संशोधन विधेयक सरकार की मुस्लिम विरोधी मानसिकता को जाहिर करने के लिए काफ़ी है यह मुसलमानों की हमदर्दी में नही लाया गया बल्कि वह संपत्तियां जिन पर सरकार की नज़र है या सरकार समर्थित उद्योग पतियों नेताओ या सरकार के खुद के के अवैध कब्जे है उनको अपने नाम करने के लिए लाया गया है संविधान ने हर धर्म को अपने अपने धार्मिक स्थलों ,संपत्ति,धार्मिक रीति रिवाज़ के पालन के अधिकार दिए है वक्फ संपत्ति भी मस्जिद,मदरसा,गरीब मुसलमानों के उत्थान के लिए है वक्फ संपत्ति में दख़ल के लिए हिंदू सदस्य को शामिल कर सरकार क्या संदेश देना देना चाहती है किसी भी धर्म के निजी मामलो ने दूसरे धर्म के लोगो को शामिल कर सरकार क्या हासिल करना चाहती है उन्होंने कहा सरकार की मंशा साफ़ है तो वह संपत्तियां जिन पर सरकार के अधीन चलने वाले कार्यालय थाने चौकी चल रहे उन्हे मुक्त करे या फिर मार्केट वैल्यू से किराया अदा करे जिससे गरीब मुसलमान जो हकदार है उनका उत्थान किया जा सके मीडिया प्रभारी मुनीर इदरीसी ने कहा अगर सरकार मुसलमानों के हित में सोचती है तो संशोधन विधेयक की जगह वक्फ संपत्तियों को कब्जा मुक्त कर विशेष बजट पारित करे जिस से इन संपत्तियों के जरिए आय के साधन बनाने जा सके और मस्जिद मदरसा के साथ गरीब मुसलमानों के हित में उपयोग और उत्थान के लिए काम किए जा सके अगर ऐसा कोई बिल सरकार लाती है तो हम खुले दिल से उसका स्वागत करेंगे लेकिन सरकार ऐसा नही कर सकती उसकी नीयत में खोट है विधेयक का संयुक्त संसदीय समिति को जाना इस बात का सबूत है के सरकार के सहयोगी दल भले ही सदन में बिल की हिमायत करते नज़र आए लेकिन वह भी जानते है के यह बिल मुसलमानों के हितों के खिलाफ़ है अंदर खाने बात चीत के बाद ही संयुक्त संसदीय कमेटी के सुपुर्द किया गया है।