श्रीराम मंदिर का निर्माण मंजिल नहीं पड़ाव है, देश नहीं दुनिया भर में अयोध्या का हुआ नाम
अयोध्या। राम मंदिर आंदोलन के महानायक परमहंस रामचंद्र दास की मूर्ति दिगंबर अखाड़ा में दो दशक बाद स्थापित की गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को एक भव्य समारोह में परमहंस की 21वीं पुण्यतिथि के अवसर पर मूर्ति का अनावरण किया। इस दौरान सीएम योगी ने परमहंस के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि परमहंस ने राम जन्मभूमि आंदोलन को जीवन का मिशन बनाया। श्रीराम मंदिर का निर्माण मंजिल नहीं, पड़ाव है।कहा कि अनावरण के दौरान परमहंस की मूर्ति को देखकर ऐसा लग रहा था कि जैसे वो कुछ बोलने वाले हैं। राम मंदिर निर्माण को लेकर संतों का संकल्प एक साथ एक स्वर में बढ़ा तो अयोध्या में मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ सीएम योगी ने कहा कि जिस राम जन्मभूमि के बारे में लोग कहते थे कि अगर फैसला राम मंदिर के पक्ष में हुआ तो सड़कों पर खून की नदियां बहेंगी। संतों ने बातचीत से समस्या का हल निकालने का भरपूर प्रयास किया, लेकिन जब बातचीत के रास्ते समाप्त हो गए और सरकार की हठधर्मिता आड़े आने लगी तो पूज्य संतों ने लोकतांत्रिक तरीके से संघर्ष का रास्ता चुना। मामला न्यायालय में गया तो भाजपा की डबल इंजन सरकार बनने के उपरांत समस्या के समाधान का मार्ग निकला।सीएम ने कहा कि हमें जातिवाद से मुक्त ऐसे समाज की स्थापना करनी है, जिसके लिए प्रभु श्रीराम ने अपना जीवन समर्पित किया था। निषाद राज के नाम पर अयोध्या के यात्री विश्रामालय बन रहे हैं। श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या धाम में महर्षि वाल्मीकि के नाम पर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बना है। प्रभु श्रीराम ने सबको जोड़ा था और हमें भी प्रभु राम के मूल्यों-आदर्शों के जरिये उन मार्गों का अनुसरण करना होगा।अनावरण समारोह को महंत गौरीशंकर दास, महंत गिरीश दास, ज्ञानी गुरुजीत सिंह, महंत जन्मेजय शरण ने भी संबोधित किया। अध्यक्षता दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेश दास व संचालन डॉ़ रामानंद दास ने किया। सीएम योगी का स्वागत उत्तराधिकारी महंत राम लखन दास व आशुतोष सिंह ने किया। समारोह में जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी वासुदेवाचार्य, जगद्गुरु डॉ़ राघवाचार्य , महंत धर्मदास, महंत रामशरण दास, महंत अवधेश दास, महंत विवेक आचारी, विजय कौशल महाराज, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, महापौर गिरीश पति त्रिपाठी, विधायक वेद प्रकाश गुप्त, अमित सिंह चौहान, रामचंद्र यादव, आदि मौजूद रहे। सीएम ने कहा कि परमहंस रामचंद्र दास जी महराज मेरे पूज्य गुरु के तुल्य थे। गोरखपुर से अयोध्या, लखनऊ और प्रयागराज जाते समय गुरु जी मुझसे पूछते थे कि अयोध्या के दिगंबर अखाड़ा गए थे, परमहंस जी का हालचाल लिया। मैं यदि भूल गया तो वे मुझे डांटते भी थे। कहते थे वह मेरे लिए गुरु भाई हैं। परमहंस जी अपने दरवाजे पर बैठकर मस्ती के साथ लोगों से बातचीत करते थे। उन्होंने अपना जीवन लक्ष्य, मूल्यों, सनातन धर्म की परंपरा के लिए जिया था।सीएम योगी ने कहा कि एक तरफ राम जन्मभूमि परिसर में मंदिर का निर्माण हो रहा है तो बाहर अयोध्या का सुंदरीकरण भी हो रहा है। पांच-सात वर्ष बाद अयोध्या आने वाले लोग अचंभित हैं। यहां इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सौगात मिली है। देश-दुनिया से अयोध्या धाम की कनेक्टिविटी बढ़ी है। रेलवे की बेहतरीन सुविधा प्राप्त हुई है। राम की पैड़ी, मठ-मंदिरों के सुंदरीकरण का कार्य हुआ। अयोध्या की आज एक नई पहचान बनी है।समारोह में जगद्गुरु वासुदेवाचार्य विद्याभाष्कर ने कहा कि परमहंस के नाम पर अयोध्या में एक चौराहे का नामकरण किया जाना चाहिए, ताकि उनकी स्मृति सदैव जीवंत रहे। जगद्गुरु राम दिनेशाचार्य ने कहा कि परमहंस जैसी शख्यिसत सदियों में होती है। उनकी बेबाकी के चलते ही उन्हें प्रतिवाद भयंकर की उपाधि मिली थी।परमहंस रामचंद्र दास की मूर्ति अनावरण समारोह के मंच पर सपा विधायक अभय सिंह व राकेश प्रताप सिंह की मौजूदगी चर्चा का विषय बनी रही। यही नहीं समारोह में इन दोनों विधायकों ने मंच से परमहंस के प्रति अपनी श्रद्धा भी अर्पित की। सीएम योगी आदित्यनाथ के पीछे वाली कतार में इन दोनों विधायकों की कुर्सी लगाई थी।




















































































