आगरा। यूपी के मथुरा से इंदौर बस लेकर जा रहे चालक की बृहस्पतिवार को सडन कार्डियक अरेस्ट से जान चली गई। गनीमत रही कि समय रहते उसने बस किनारे खड़ी कर दी। इससे सवारी सुरक्षित रहीं। चिकित्सक बताते हैं कि सीने में दर्द, पसीना आना-बेचैनी होने पर हृदय की जांच में कतई देरी न करें। 40-55 की उम्र में कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक का खतरा दोगुना है। आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के हृदय रोग विभाग के डॉ. बसंत गुप्ता ने बताया कि ओपीडी में रोजाना 60-80 हृदय रोगी आ रहे हैं। इसमें 40 फीसदी मरीज ऐसे हैं, जो हृदय रोग के लक्षणों को नजरअंदाज करते रहे। जांच में ये हृदय रोगी मिले। 8-10 फीसदी के तो नस में ब्लॉकेज मिले। इनकी फिटनेस खराब थी। नौकरी-भविष्य और निजी समस्याओं के चलते लंबे समय से तनाव भी झेल रहे थे। मिलावटी सामान से भी हृदय रोगी तेजी से बढ़ रहे हैं। वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. राजकुमार गुप्ता ने बताया कि 30-35 साल की उम्र से हृदय रोग की बीमारियां मिल रही हैं। इसमें कामकाजी लोग अधिक हैं। इनका खानपान ही नहीं दिनचर्या भी बिगड़ी हुई मिली। 80 फीसदी का रात में सोने का समय 11.30 से 12.30 बजे तक रहा। खानपान में फास्ट फूड अधिक लेते थे। स्मोकिंग-एल्कोहल का भी शौक था। इनमें 15 फीसदी में मधुमेह, उच्च रक्तचाप की भी परेशानी मिली। हृदय की बीमारियों की शुरूआत में ही इसके लक्षण नजर आने लगते हैं, लेकिन लोग गंभीर नहीं होते।एक बार में 6-8 घंटे की नींद लें। जल्दी सोने की आदत डालें। धूम्रपान, एल्कोहल, फास्ट-जंक फूड, बाजार के भोजन से बचें। हरी तरकारी, फल, दाल, चपाती और सलाद की आदत डालें। रोजाना 45 मिनट तक तेजी से पैदल चलें। नियमित योग करें। 30-35 की उम्र के बाद हृदय की सामान्य जांच करवा लें। भोजन में मोटा अनाज उपयोग करें, सुबह नाश्ता जरूर करें।