बदायूं। सावन मास की तेरस के दिन शिवालयों में भक्तों की उमड़ी भीड़, भक्तों ने चढ़ाए बेलपाती, धतूरा, भांग और ऋतु-फल मनोकामना पूरी करने के लिए भगवान भोले की पूजा, उतारी गई आरती।मंदिरों को खूवसूरत तरह से सजाया गया है। बदायूं मुरादाबाद एमएफ हाईवे मार्ग पर गांव नदवारी कस्बा वजीरगंज बीच स्थित प्राचीन सिद्ध पीठ बाबा भोलानाथ धाम मंदिर पर कांवरियों एवं श्राद्धालुओं ने गंगाजल से शिवालयों में भगवान भोले का जलाभिषेक किया। शिवभक्तों में स्त्री, पुरुष, बाल और वृद्धों की भीड़ शिवालयों पर उमड़ी। घंटों की ध्वनि के साथ हर-हर महादेव के बोल गूंज उठे। कांवडिय़ों ने जहां गंगाजल से जलाभिषेक किया तो भक्तों ने घी, दूध, शहद आदि से भगवान भोले का अभिषेक किया और मन्नते मांगी। सावन में शिव तेरस का बड़ा महत्व है। इस दिन भगवान भोले इच्छित वरदान देते हैं। मान्यता को देखते हुए उन तमाम लोगों ने भी पूजा अर्चना की जो सावन में मंदिर नहीं जा सके थे। सुबह से ही सावन के शिवतेरस होने के कारण भक्तों की शिवालयों पर भीड़ जुट गई। हर-हर, बम-बम उद्घोष के साथ जलाभिषेक के लिए लाइनें लग गईं। मंदिर पर भक्तों का सैलाव उमड़ पड़ा। धूप, दीप नैवेद्य से पूजा अर्चना का सिलसिला लंबे समय तक चला। बाबा भोले का आशीर्वाद लेने को हर एक के मन में उत्कंठा थी। सुबह से ही अभिषेक का क्रम चलता रहा। बेलपाती, भांग, धतूरा, फूल और फल चढ़ाकर भक्तों ने मनोकामनाएं भोले के सामने रखीं और उन्हें पूरी करने के लिए उन्हें प्रसन्न किया। कांवडिय़ों ने यहां कछला घाट , हरिद्वार समेत विभिन्न घाटों से गंगा जल लेकर अपने-अपने क्षेत्र के शिवालयों में चढ़ाया। कांवडिय़ों की भीड़ के कारण मंदिरों और रास्तों में पुलिस की जबर्दस्त व्यवस्था की गई थी। डीजे और लाउडस्पीकरों के साथ ट्रैक्टर ट्रालियों और विभिन्न वाहनों के अलावा पैदल कांवड़ लेकर शिवालय पहुंचने वाले कांवडिय़ों ने भक्ति का संदेश दिया और पूजा-अर्चना कर अपने आराध्य को मनाया।