बदायूँ। जनहित सत्याग्रह मोर्चा और क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के संयुक्त तत्वाधान में मालवीय आवास गृह पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। यह परिचर्चा एक जुलाई 2024 से देश में लागू हुए तीन नए आपराधिक कानूनों पर आयोजित की गई। ये कानून लागू करने के मामले में सरकार ने बताया कि वह पुराने कानूनों का भारतीयकरण कर रही है। ये कानून सरकार ने संसद में बिना बहस कुछ ही घंटों में पास करा लिए। उस समय लगभग 150 सांसद निलंबित थे। वक्ताओं ने भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम पर विस्तार से चर्चा की। वक्ताओं ने कहा कि मामूली बदलावों को छोड़कर अधिकतर धाराएं वही हैं। केवल उनके क्रम में बदलाव हुआ है। पुलिस को असीमित अधिकार दिए गए हैं। टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया गया हैं। कुछ मामलों में समय की सीमा को बांधा गया है। सजाओं , जुर्मानो को बढ़ाया गया हैं।पुलिस कस्टडी को बढ़ा दिया गया है। लंबे समय तक नए पुराने दोनों कानूनों में काम चलेगा इसलिए न्यायिक प्रक्रिया में लगे लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। वक्ताओं ने कहा कि इन कानूनों का आम जनता और न्यायिक प्रक्रिया में लगे लोगों पर क्या प्रभाव पड़ेगा इसके लिए इनके गंभीर अध्ययन की जरूरत है। सभी ने कहा कि इन कानूनों के लागू होने पर रोक लगाई जाए। इन्हें दोबारा से सांसद और विशेषज्ञों के पास बहस के लिए ले जाया जाए। परिचर्चा में तय किया गया कि तीनों नए आपराधिक कानूनों को लेकर जनता के बीच में जागरूकता अभियान चलाया जाए। इनको लेकर ज्ञापन महामहिम राष्ट्रपति को मंगलवार को भेजा जाएगा। इसके अलावा विभिन्न जन प्रतिनिधियों को भी ज्ञापन दिया जाएगा। कार्यक्रम में प्रेमपाल सिंह, सुनील कुमार, एड सी एल गौतम, एड समीर उद्दीन, एड पवन गौतम, एड प्रताप सिंह, एड दिनेश, एड अरब सिंह , देवेंद्र सिंह, कृष्ण गोपाल, आर के जौहरी, डा मुन्ना लाल , डा सतीश आदि लोग उपस्थित रहे।