केंद्र सरकार से आपातकाल योद्धाओं को मिले स्वतंत्रता सेनानी का सम्मान

बरेली। केंद्र सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष 25 जून को संविधान हत्या दिवस घोषित करने का भारतीय लोकतंत्र रक्षक सेनानी समिति द्वारा स्वागत किया गया। इसी के साथ सोमवार को समिति के प्रदेश महामंत्री वीरेंद्र कुमार अटल के नेतृत्व में जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को संबोधित ज्ञापन दिया गया। ज्ञात रहे कि तत्कालीन केंद्र सरकार ने 25 , 26 जून 1975 को सत्ता पर काबिज रहने की गरज से लोकतंत्र की हत्या कर तानाशाही का राज स्थापित कर दिया था। इस दौरान बेगुनाह लोगों को गिरफ्तार कर जेल की काल कोठरी में कैद किया गया था। कांग्रेस विरोधी नेताओं और कार्यकर्ताओं को 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 के दौरान गिरफ्तार करने के साथ ही साथ अमानवीय यातनाएं भी दी गई। लंबे समय के बाद ईश्वर ने 2006 में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री को सद्बुद्धि दी जिसके कारण आपातकाल के योद्धाओं को उन्होंने लोकतंत्र रक्षक सेनानी का नाम मान और सम्मान दिया था। जिसका अनुसरण देश के कई प्रदेशों ने किया था। आपातकाल केंद्र सरकार ने लगाया था। इसलिए केंद्र सरकार को देश भर के आपातकाल योद्धाओं को लोकतंत्र रक्षक सेनानी का सम्मान देते हुए स्वतंत्रता सेनानियों जैसी सुविधा और सम्मान दिया जाना चाहिए। इसी के साथ प्रतिनिधिमंडल ने मांग की है कि 21 मार्च को लोकतंत्र विजय दिवस मनाने की घोषणा केंद्र सरकार द्वारा की जानी चाहिए। क्योंकि इसी दिन तानाशाही का राज समाप्त हुआ था और लोकतंत्र की बहाली हुई थी। यह भी मांग की गई कि घोषित किए जाने वाले लोकतंत्र रक्षक सेनानियों के आश्रितों को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आरक्षण का लाभ दिया जाए। केंद्र सरकार को सभी जिला अधिकारियों को निर्देशित किया जाए की स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर जिला प्रशासन द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों के साथ ही साथ लोकतंत्र रक्षक सेनानियों को भी सम्मान पूर्वक आमंत्रित किया जाए। हमारी यह भी मांग है कि देश भर के आपातकाल योद्धाओं को एक सहयात्री के साथ वर्ष में कम से कम 12 बार हवाई जहाज की यात्रा सुविधा प्रदान की जाए।
ज्ञापन देने वालों में वीरेंद्र कुमार अटल ,राजेंद्र बहादुर चौधरी, सुमंत महेश्वरी ,राजेंद्र पाल सिंह, विनोद कुमार गुप्ता शामिल रहे।