बरेली। ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार के हरीश कुमार शर्मा के नेतृत्व में जिलाधिकारी कार्यालय में ईज प्रथम को ज्ञापन प्रस्तुत किया गया। इस दौरान इन लोगों ने कहा की संसद द्वारा सर्वसम्मति से वर्ष 2019 में अनियमित जमा योजनाएं पाबंदी कानून 2019 बड्स एक्ट 2019 बनाकर ठग कंपनीज एवं ठग सोसाइटी में डूबी हुई जमा राशि को पीड़ित आवेदक को 180 दिन में जमा राशि के दो से तीन गुना वापस दिलाने का कानूनी अधिकार दिया था। अनियमित जमा योजनाएं पाबंदी कानून 2019 के अंतर्गत हर ज़िले में पीड़ित आवेदकों से आवेदन लेने और उनका भुगतान करने हेतु भुगतान पटल की स्थापना हुई थी, जिसे अब जिला प्रशासन द्वारा बंद कर दिया गया है। जो अनुचित है। यह स्थाई कानून है। इसके अंतर्गत नियुक्त सक्षम या सहायक सक्षम अधिकारी को स्थाई रूप से सुनवाई करनी है जो अभी तक आरंभ ही नहीं हुई है। लाखों आवेदनों पर आज तक नोटिस तक जारी नहीं किए गए हैं। जिससे निवेशक और कथित एजेंट साथियों में आपसी तनाव बना हुआ है। इन लोगों ने आरोप लगाया कि हाल ही में भुगतान न होने के कारण एजेंटो के साथ मारपीट की गईं। गुस्साए निवेशक निर्दोष एजेंट को गोली मारकर हत्या कर सकते है लाखो निवेशक प्रताड़ित एजेंट मौत के मुंह में जाने और पलायन एवम उत्पीड़न से बचाए जा सकते हैं। वही इन लोगों ने मांग कि है एजेंटों के ऊपर अनावश्यक रूप से कार्रवाई न की जाए और शिविर लगाकर उपरोक्त कानून के अंतर्गत ठगी पीड़ितों की जमा राशि का भुगतान कराया जाए। ज्ञापन के दौरान हरीश कुमार शर्मा , पूरनलाल , पदम प्रकाश शर्मा , मुन्ना लाल , सर्वेश कुमार आदि मोजूद रहे।