बरेली। के पीलीभीत बाइपास पर हुए बवाल के मामले में शनिवार रात मुठभेड़ में गिरफ्तार हुए हिस्ट्रीशीटर केपी यादव ने पुलिस की पूछताछ में कई राज उगले हैं। पुलिस के मुताबिक पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने ही राजीव राना से प्लॉट पर कब्जे का बयाना लिया था। 30 लाख रुपये में सौदा तय हुआ था। लड़कों के इंतजाम करने का जिम्मा केपी यादव का ही था। पुलिस ने केपी से पूछताछ में असलहा सप्लायरों सहित उन लड़कों के नाम भी पता कर लिए जो घटना में शामिल थे। इसी आधार पर दोनों मुकदमों में 21 आरोपियों के नाम बढ़ाए गए हैं। बता दें कि 22 जून की सुबह प्लॉट पर कब्जे को लेकर राजीव राना और आदित्य उपाध्याय के गुटों में जमकर फायरिंग हुई थी। इस मामले में दोनों आरोपियों की संपत्तियों पर बुलडोजर चल चुका है। इज्जतनगर पुलिस ने फायरिंग के मामले में अभी तक सामने आए अहम आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें राजीव राना, उसके दो भाई व दो बेटों के साथ ही उसका चालक भी जेल में हैं। उसके मुख्य साथी केपी यादव व सुभाष भी रविवार को जेल भेज दिए गए। इंस्पेक्टर इज्जतनगर राधेश्याम ने बताया कि राजीव का भाई संजय भी आरोपी है। उसकी तलाश की जा रही है। एसओजी व सर्विलांस टीम उसकी तलाश में जुटी हुई हैं।फायरिंग मामले में शामिल दोनों गुटों के राजनीतिक सरपरस्तों की भूमिका की जांच हो रही है। इसके लिए सर्विलांस का सहारा लिया जा रहा है। आरोपियों की छह महीने की कॉल डिटेल खंगाली जा रही हैं। राजनीतिक आकाओं से किसकी कितनी बार बात हुई? दोस्ती केवल बातचीत तक सीमित थी या दोनों के बीच प्रॉपर्टी डीलिंग का धंधा भी चल रहा था, इस धंधे में और कौन-कौन लोग शामिल हैं? इसकी पड़ताल की जा रही है। फायरिंग प्रकरण में एक पक्ष भाजपा के पूर्व विधायक पप्पू भरतौल को तो दूसरा पक्ष उत्तराखंड की मंत्री रेखा आर्या के पति पप्पू गिरधारी को घटना का सूत्रधार बता रहा है। पूर्व विधायक तो इस मामले में नामजद भी हैं। जांच की आंच भी उन तक पहुंचने लगी है। उनके भाई का रिसॉर्ट सील कर दिया गया। सूत्रों के मुताबिक कॉल डिटेल और सर्विलांस के जरिये एक पक्ष का उसके राजनीतिक आका से सीधा कनेक्शन होने के सबूत मिले हैं।इसके आधार पर ही पुलिस व बीडीए की टीम ने शनिवार से शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। साजिश रचने के आरोप में इन पर भी कार्रवाई हो सकती है। अधिकारी कुछ बोल नहीं रहे, लेकिन अंदरखाने ही कार्रवाई की पटकथा तैयार की जा रही है।