बिल्सी। सुप्रसिद्ध वैदिक विद्वान व समाज सुधारक आचार्य संजीव रूप के निर्देशन में कोरोना मुक्ति यज्ञ विश्व यज्ञ दिवस से आरंभ हुआ। यज्ञ तीर्थ ग्राम गुधनी में स्थित आर्य समाज मंदिर में कोरोना मुक्ति यज्ञ निरंतर सुबह-शाम चलेगा। यह तब तक चलेगा जब तक कि कोरोना महामारी का समूल नाश नहीं हो जाता। बदायूं की प्रोफेसर कॉलोनी तथा मधुबन कॉलोनी दो स्थानों पर यज्ञ करते हुए बताया कि हमने हवन सामग्री में दिव्य रोग नाशक औषधि मिलाई हैं। साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाले तथा शक्ति वर्धक पदार्थ भी मिलाए हैं। जिनमें प्रमुख हैं हल्दी गिलोय, गुड, शहद, तुलसी व नीम के पत्ते, अखरोट, बादाम, मखाना गोला, दालचीनी, जावित्री, लोंग जायफल, कपूर चंदन,तगर आदि। एक बार के यज्ञ में एक किलो गाय के घी का उपयोग किया जा रहा है। गाय के घी की महत्ता बताते हुए आचार्य संजीव रूप ने कहा कि दस ग्राम गाय के घी को जलाने से एक टन ऑक्सीजन का उत्सर्जन होता है। साथ ही गाय के घी में भेदक क्षमता होती है। यह हवा में स्थित विषों को नष्ट कर देता है तथा हवन के पास बैठकर लंबा गहरा श्वास भरकर बीस सेकंड रोकने से रक्त में यह प्राणवायु पर्याप्त मात्रा में मिल जाती है। वही अपान, व्यान, उदान, समान, कृकल, कूर्म देवदत्त, धनन्जय आदि दस प्रकार से पूरे शरीर के अंदर वायु हमारे शरीर को निरोगी रखती है। उन्होने कहा कि जब भी बाहर से अपने घर आए तो भाप जरूर लें और हवन करें। गाय के घी का दिया प्रतिदिन अपने कक्ष में जलाएं। अब तो घर पर रहकर ही आधा घंटा प्राणायाम और व्यायाम जरूर करते रहे। यज्ञ तीर्थ गुधनी के साथ- साथ अन्य स्थानों पर भी निरंतर यज्ञ करेंगे। जल्दी ही उझानी, बिल्सी, बिसौली तथा अनेक ग्रामों में यज्ञ होगा। जो लोग अपने नगर या गांव में कोरोना मुक्ति यज्ञ कराना चाहे वह संपर्क कर सकते हैं।