आरएसी मुख्यालय पर भी सजी उर्स -ए- ताजुश्शरिया की महफ़िल
बरेली। ऑल इंडिया रज़ा-ए-एक्शन कमेटी के मुख्यालय “बैतुर्रज़ा” पर हुज़ूर ताजुश्शरिया के उर्स की नूरानी महफ़िल सजाई गई। नातो-मनक़बत के नज़राने पेश किए गए और उलमा की तक़रीरें हुईं। अक़ीदतमंदों के लिए लंगर का एहतमाम किया गया। क़ुल की फ़ातिहा से पहले नबीरा-ए-आला हज़रत व आरएसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हज़रत मौलाना अदनान रज़ा क़ादरी ने अपनी तक़रीर में कहा कि हुज़ूर ताजुश्शरिया ऐसे अज़ीम बुज़ुर्ग का नाम है जिनके एक हाथ में क़ुरानो-सुन्नत का अलम था और दूसरे हाथ में हिकमतो-दानिश का क़लम था। उन्होंने कहा कि ईमान और अक़ीदे की हिफ़ाज़त करते हुए ज़िंदगी गुज़ारना ही हुज़ूर ताजुश्शरिया को सबसे बड़ा ख़िराज-ए-अक़ीदत है।आरएसी के ज़ेरे एहतमाम उर्स-ए-ताजुश्शरिया की तमाम तक़रीबों की सरपरस्ती हज़रत अफ़रोज़ रज़ा क़ादरी साहब ने फ़रमाई और सदारत मौलाना अदनान रज़ा क़ादरी ने की। उर्स के दूसरे दिन फज्र की नमाज़ के बाद क़ुरान-ए-पाक की तिलावत हुई। सुबह से ही अक़ीदतमंदों की हाज़िरी शुरू हो गई। बरेली शहर और देहात ही नहीं बल्कि आसपास के ज़िलों से भी आरएसी की टीमें दरगाह ताजुश्शरिया पर चादरें लेकर पहुँचीं। नबीरा-ए-आला हज़रत मौलाना अदनान रज़ा क़ादरी की जानिब से भी चादरपोशी की गई। अक़ीदतमंदों ने नबीरा-ए-आला हज़रत से मुलाक़ात की और दुआएं हासिल कीं।अस्र की नमाज़ के बाद क़ुल शरीफ़ की महफ़िल शुरू हुई। नातो-मनक़बत के नज़राने पेश किए। अपनी तक़रीरों में हुज़ूर ताजुश्शरिया की दीनी ख़िदमात पर रोशनी डाली। आख़िर में नबीरा-ए-आला हज़रत मौलाना अदनान रज़ा क़ादरी ने तक़रीर की। उन्होंने कहा कि हुज़ूर ताजुश्शरिया ऐसे अज़ीम बुज़ुर्ग का नाम है जिनके एक हाथ में क़ुरानो-सुन्नत का अलम था और दूसरे हाथ में हिकमतो-दानिश का क़लम था, जिनकी आवाज़ में मक्के का जलाल था, मदीना का जमाल था, जिनके अंदाज़ में बग़दाद का सोज़ो-गुदाज़ था, अजमेर शरीफ़ का नाज़ो-नियाज़ था। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि ताजुश्शरिया सही मायने में आला हज़रत के उलूम के वारिस हैं। उनसे मुहब्बत करने वालों को चाहिए कि आला हज़रत के मिशन को समझें और उस पर अमल करें। आख़िर में क़ुल शरीफ़ की फ़ातिहा हुई, जिसके बाद नबीरा-ए-आला हज़रत ने खास दुआ फरमाई इस मौके पर अब्दुल्ला रज़ा कादरी हाफिज इमरान रज़ा मुफ्ती इरशाद मौलाना सलीम रज़ा मौलाना सय्यद सफदर अली मौलाना अमीर अहमद मौलाना सय्यद तारिक रज़ा मौलाना सय्यद अब्दाल रज़ा नसीम बरकाती उस्मान रज़ा आलम बरकाती तारीफ बरकाती हमदम फैजी मुशाहिद रफत खान अब्दुल हलीम खान रजब अली साजु ताज खान राजू बाबा रेहान यार खान सईद सिब्तैनी काशिफ रज़ा फुरकान रज़ा वारिस रज़ा शोएब रज़ा साजिद रज़ा अमीर रज़ा मोइद रज़ा अफ़ज़ल रज़ा मोहम्मद चांद अनीस इंजीनियर फहीम रज़ा अजहर रज़ा इब्ने हसन सलमान रज़ा शाकिर रज़ा बड़ी तादाद में उल्मा ए इकराम आर ए सी पदाधिकारी वा कार्यकर्ता मौजूद रहे।