घरेलू कर्मियों को अब हर 15 दिन पर नहीं करना होगा कोविड टेस्ट

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मुंबई।  बड़ा फैसला महाराष्ट्र सरकार ने पहले हर 15 दिनों में RT-PCR जांच किए जाने की बात कही थी, लेकिन हालात को देखते हुए यह फैसला वापस ले लिया गया है. हालांकि, सरकार ने यह साफ किया है कि मेड, ड्राइवर, डिलीवरी करने वालों को नियमित तापमान जांच और ऑक्सीजन की निगरानी होना जरूरी है.

सूत्र के मुताबिक, सरकार को महसूस हुआ कि इससे टेस्टिंग व्यवस्था पर बेवजह का असर पड़ेगा और इससे वास्तविक मामले प्रभावित होंगे. इसके बाद यह फैसला लिया गया है. राज्य के सचिव असीम कुमार गुप्ता ने टीओआई से बातचीत में बताया कि टेस्टिंग लैब के लिए घरेलू कर्मियों की जांच दबाव बढ़ा रही थी और सरकार को कोविड संकट पर देखते हुए इसपर रोक लगानी चाहिए. उन्होंने साफ किया कि जिन लोगों को कोविड लक्षण नजर आ रहे हैं, उनकी जांच जरूरी है.

इस हफ्ते जारी की गई गाइडलाइंस के अनुसार, घरेलू कर्मियों को हाउसिंग सोसाइटी में प्रवेश के लिए नेगेटिव सर्टिफिकेट रखना जरूरी है. ऐसा नहीं करने पर 1000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा. पुणे में कई हाउसिंग सोसाइटी ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ आवाज उठाई थी. इसी तरह का एक और आदेश राज्य सरकार की तरफ से जारी किया गया था, जिसमें सभी कर्मियों को केंद्र सरकार के मापदंडों के अनुसार, वैक्सीन लगवाने के लिए कहा गया था.

इसके अलावा वैक्सीन लगाए जाने तक नेगेटिव RT-PCR सर्टिफिकेट साथ रखना होगा. ये सर्टिफिकेट 15 दिनों तक वैध रहेगा. कोल्हापुर, पुणे, सांगली और सतारा समेत राज्य के कई उद्योगों ने सरकार के फैसले का विरोध किया था. दक्षिण महाराष्ट्र में उद्योगों और कारोबारियों का कहना था कि सरकार को उनपर कडे़ नियम नहीं लगाने चाहिए. क्योंकि वे पहले ही पुराने लॉकडाउन के चलते नुकसान उठा रहे हैं.

महाराष्ट्र में शुक्रवार को कोरोना वायरस के 63,729 नए मामले सामने आए, जो अभी तक एक दिन में सर्वाधिक मामले हैं. इसके साथ ही राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या 37 लाख से अधिक हो गई है, जबकि 398 और लोगों की संक्रमण से मौत हो गई. यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने दी थी.