राष्ट्रीय सेवा योजना के विशेष सात दिवसीय शिविर का समापन
शाहजहांपुर । स्वामी शुकदेवानंद महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के विशेष शिविर का रंगारंग समापन किया गया। शिविर का आरंभ मंचासीन अतिथियों के द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुआ । तदुपरांत स्वयंसेवी साक्षी मिश्रा ने पिछले छः दिनों की गतिविधियों का लेखा-जोखा सभी के सम्मुख प्रस्तुत किया। शिविर के समापन के अवसर पर रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन हुआ।कार्यक्रमों की श्रृंखला में सर्वप्रथम आदित्य मिश्रा, शिव मिश्रा,साक्षी अवस्थी, अभिषेक राजपूत आदि ने “जल है तो कल है ” थीम पर एक लघु नाटिका प्रस्तुत की। तत्पश्चात आदित्य मिश्रा ने गिटार वाद्य यंत्र के साथ भजन और लोकगीत प्रस्तुत किया। इसके अतिरिक्त रोशनी प्रजापति ,प्रभा पांडे , करन प्रताप सिंह,साक्षी सिंह, अभिषेक सिंह, वैभव गुप्ता आदि स्वयंसेवियो ने विभिन्न विषयों पर अपने विचार मंच पर साझा किया। शिविर में उत्कृष्ट योगदान देने वाले सारस्वत पांडे ,अभिषेक मिश्रा, शिवा गुप्ता को मुख्य अतिथि ने मेडल देकर सम्मानित भी किया।
समस्त प्रस्तुतियों के पश्चात कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ आलोक मिश्र ने शिविरार्थियो को संबोधित करते हुए कहा कि”राष्ट्रीय सेवा योजना में सेवा शब्द जुड़ा हुआ है वह निस्वार्थ शब्द के साथ है । एनएसएस इकाइयां उस गतिविधि का आयोजन करती है जो समुदाय के लिए प्रासंगिक है। समुदाय की जरूरतों के अनुसार गतिविधियां जारी हैं। मुख्य गतिविधियों वाले क्षेत्रों में शिक्षा और साक्षरता, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और पोषण, स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक सेवा कार्यक्रम, महिलाओं की स्थिति में सुधार, उत्पादन उन्मुख कार्यक्रम, आपदा राहत तथा पुनर्वास संबंधी कार्यक्रम, सामाजिक बुराइयों के खिलाफ अभियान, डिजिटल भारत, कौशल भारत, योग इत्यादि जैसे प्रमुख कार्यक्रमों के बारे में जागरूकता पैदा करना आदि शामिल है। आप सभी ने पिछले छः दिन में इन सभी कार्यों पर जो विशेष उल्लेखनीय कार्य किया है उसके लिए आप सब बधाई के पात्र हैं।” डॉ विकास खुराना ने स्वयंसेवियो का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि “स्वैच्छिक समुदाय सेवा के माध्यम से छात्रों के व्यक्तित्व और चरित्र के विकास के प्राथमिक उद्देश्य के साथ राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) को शुरू किया गया था। एनएसएस का उद्देश्य ‘सेवा के माध्यम से शिक्षा’ है। एनएसएस की वैचारिक उन्मुखता महात्मा गांधी के आदर्शों से प्रेरित है। एनएसएस का आदर्श वाक्य “नॉट मी, बट यू” है। एक एनएसएस स्वयंसेवी ‘स्वयं’ से पहले ‘समुदाय’ को स्थान देता है। यह शिक्षा के तीसरे आयाम का हिस्सा है, अर्थात् मूल्यवर्धक शिक्षा है जो कि तेजी से महत्वपूर्ण बनती जा रही है।” कार्यक्रम का संचालन शिविरार्थी सारस्वत पांडे ने किया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में प्रीति गंगवार, मनीषा गुप्ता, अंशिका राठौर, यशी श्रीवास्तव, वंशिका वर्मा, मुस्कान, हसमुखी, बृजेश, लक्ष्मी सिंह ,आदि स्वयंसेवीयो का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा। कार्यक्रम के अंत में कार्यक्रम अधिकारी डॉ प्रमोद कुमार यादव ने सभी आगंतुक अतिथियों का आभार व्यक्त किया।