मोहि समान को पापनिवासू, जेहि लगि सीय राम बनबासू..रामकथा में उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़
शाहजहांपुर। मुमुक्षु महोत्सव का आज शुभारंभ प्रार्थना एवं श्री रुद्रमहायज्ञ से हुआ। कथाव्यास विजय कौशल जी महाराज ने कथा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि भरत जी के आने के बाद महाराज दशरथ का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया। पूरी अयोध्या सूनी, शोकाकुल और उदासी में डूब गई। गुरु वशिष्ठ ने भरत जी को पूरा वृत्तांत सुनाया और कहा कि हे भरत! शोक छोड़ो और पिता की आज्ञा का पालन करते हुए राज्य संभालो। कथाव्यास ने कहा कि छः बातें मनुष्य के हाथ में नहीं हैं- हानि, लाभ, यश, अपयश, जीवन और मरण।
ये सब विधि के हाथ में हैं। कर्म का फल सबको भोगना पड़ता है। माता कौशल्या ने भरत से कहा कि सत्ता को पथ्य के रूप में ही स्वीकार कर लो। लेकिन भरत ने कहा कि हे माता! पथ्य तो रोग दूर होने पर दिया जाता है जबकि अयोध्या तो अभी रोगमय है। भरत ने कहा कि जब तक मैं प्रभु के चरणों में बैठकर रो नहीं लूंगा, तब तक मेरे चित्त की जलन शांत नहीं होगी। अगले दिन सरयू के किनारे पालकी, रथ व घोड़े एकत्र हो गए और चित्रकूट की ओर काफिला प्रस्थान कर गया। तीर्थराज प्रयाग ने भरत से कहा कि हे भरत! तुम सब प्रकार से साधु हो। श्रीराम के पास पहुंचकर भरत ने कहा कि हे प्रभु! पूरे संसार में मेरे जैसा पापी कोई नहीं होगा। तब प्रभु कहते हैं कि समस्त कालों और तीनो भुवनों में जितने भी पुण्यात्मा होंगे, वो सब तुमसे छोटे होंगे। इसी के साथ अयोध्याकाण्ड का समापन हुआ। कथा का समापन आरती एवं प्रसाद वितरण से हुआ। प्रसाद वितरण में राजीव मेहरोत्रा, नीरज रस्तोगी, प्रो प्रभात शुक्ला, प्रो मीना शर्मा एवं प्रो आदित्य कुमार सिंह का योगदान रहा।
प्रसाद वितरण में एन.सी.सी. के कैडेटों का भी योगदान रहा। आरती संतोष मिश्रा,प्रेमा मिश्रा, जलालाबाद के विधायक हरिप्रकाश वर्मा, सुरेश सिंघल, शिव मोहन अग्रवाल ,मीनाक्षी अग्रवाल, विकास अग्रवाल ,अनुराधा अग्रवाल, डॉ प्रभात शुक्ला , डॉ मीना शर्मा,वीना अग्रवाल,अनुराधा अग्रवाल, अंकित श्रीवास्तव दीक्षा मिश्रा ने की। कथा के अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी हरिहरानंद, स्वामी पूर्णानंद सरस्वती, स्वामी ज्योतिर्मयानंद सरस्वती, स्वामी सर्वेश्वरानंद, स्वामी हरिदास, नरेश मेहरोत्रा, बद्रीनाथ कपूर, राजीव अग्रवाल, धर्मेंद्र दीक्षित, ऋषि कपूर, श्री कृष्ण पांडेय, एच एन त्रिपाठी, बाबूराम गुप्ता, राधे मोहन सक्सेना, हरीश मेहरोत्रा, डॉ रानी त्रिपाठी, डॉ एस के मेहरोत्रा, वेद प्रकाश गुप्ता, पुष्पा सिंघल, शिप्रा अग्रवाल, डॉ विनीत श्रीवास्तव, रवि बाजपेयी, मनोज अग्रवाल, रामनिवास गुप्ता, चंद्रभान त्रिपाठी आदि का सहयोग रहा।