बदायूँ में शिवपाल की एंट्री,धर्मेद्र वेटिंग में केशव प्रसाद को ग्रीन सिंग्नल

बदायूँ। लोकसभा सीट से सपा के राष्ट्रीय महासचिव सलीम इकबाल शेरवानी के पद से इस्तीफा देने और राष्ट्रीय सचिव आबिद रजा की नाराजगी के बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने ही भाई धर्मेद्र यादव का आज शाम टिकट काट दिया। शेरवानी औऱ आबिद रजा की नाराजगी की वजह से धर्मेद्र यादव का टिकट कटना माना जा रहा है,इसके अलावा टिकट कटने की औऱ कोई वजह समझ नही आ रही है। पिछले दिनों ही सपा ने धर्मेद्र यादव को बदायूँ लोकसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किया था। चंद दिनों बाद ही टिकट काट दिया। वह भी ऐसे समय मे जब धर्मेद्र यादव कल रात ही अपने लोकसभा छेत्र में आये,आज धनारी इलाके में कार्यक्रमो में व्यस्त थे,तभी शाम को सपा की पांच प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट आई उसमे धर्मेद्र यादव का टिकट कट गया और चाचा शिवपाल सिंह बदायूँ से सपा प्रत्याशी घोषित हो गए। यहाँ खास सवाल यह है कि धर्मेद्र यादव को पहले से पता होता तो वह लखनऊ से कल रात बदायूँ नही आते,लखनऊ में ही होते। यहाँ उनके साथ खेला होने की चर्चा इसलिए भी हो रही कि उनका बदायूँ से टिकट कटा तो कही और से उनके प्रत्याशी बनाये जाने की घोषणा होती,फिलहाल पार्टी हाई कमान ने उन्हें बेटिंग में डाल दिया है। हालांकि उन्हें आजमगढ़ समेत दो लोकसभा छेत्रो का प्रभारी बनाया गया है। उनके अब आजमगढ़ से चुनाव लड़ने की संभावना है।

शिवपाल सिंह के प्रत्याशी घोषित होने से हताश,निराश सपा कार्यकर्ताओं में जोश आ सकता है,गुटबाजी खत्म हो सकती है,इससे सपा मजबूत हो सकती है, वही दूसरी ओर राज्यसभा चुनाव में एक भी मुस्लिम प्रत्याशी नही बनाये जाने से शेरवानी औऱ आबिद रजा की महज नाराजगी से सपा मुखिया ने अपने ही भाई का टिकट काट कर उन्हें वेटिंग में डाल दिया,यह फैसला औऱ यह हालात यह भी दर्शाते हैं कि कभी सपा का गढ़ कहे जाने वाले बदायूँ में सपा कितनी दीन हीन दयनीय स्थिति में पहुच गई है। धर्मेंद्र यादव के प्रत्याशी घोषित होने और स्वामी प्रसाद मौर्य,शेरवानी, आबिद रजा की सपा से नाराजगी के बाद बदायूँ सीट से भाजपा सांसद डॉ संघमित्रा मौर्य पूरी तरह से सेफ जोन में पहुँच गई थी। अब उनका टिकट दूसरी बार भाजपा से पक्का माना जाने लगा था। आपको बता दे कल सम्भल में प्रधानमंत्री मोदी का कार्यक्रम भी काफी सफल रहा। सम्भल बदायूँ से लगा हुआ था,एक दूसरे जनपद में इधर उधर राजनीतिक हलचल होने पर राजनीति प्रभावित होती है। आज अचानक शाम को धर्मेद्र यादव का टिकट कटने औऱ सपा से शिवपाल सिंह यादव के प्रत्याशी घोषित होते ही बदायूँ लोकसभा छेत्र की भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य सेफ जोन से रेड जोन में जाते हुए साफ दिख रही है। बदले राजनीतिक समीकरण में सपा ने हाईप्रोफाइल चेहरा उतारा है तो भला भाजपा भी कहा चूकने वाली है,भाजपा भी शिवपाल की काट को हाईप्रोफाइल चेहरे के रूप में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य या उनके परिवार के किसी सदस्य को इस सीट से उतार सकती है। इस सीट पर यादव और मौर्य वोट काफी संख्या में है,मौर्य जाति से मौर्य सीट को बदलने में जोखिम भी कम है, शिवपाल किसी जमाने मे बदायूँ की सहसवान विधानसभा चुनाव के प्रभारी रह चुके है तो केशव प्रसाद के राजनीतिक दोस्त बदायूँ में कम नही है, वह कई बार बदायूँ आ चुके है,बदायूँ के रसजनीतिक व जाति समीकरण से बाकिफ है,इसलिये उनकी इस सीट पर चर्चा होना लाजिमी है। अब सभी को भाजपा के फैसले का इंतज़ार है।