अब नए रूट पर दौड़ेगी ग्रेनो वेस्ट मेट्रो, सेक्टर-51 से 61 और 70 मेट्रो स्टेशन होते हुए जाएगी सेक्टर-122
नोएडा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर के अंतर्गत सेक्टर-51 से नॉलेज पार्क-पांच तक अब संशोधित रूट पर मेट्रो दौड़ेगी। इस कॉरिडोर में सेक्टर-61 और 70 मेट्रो स्टेशन को जोड़ा गया है। इसके लिए अलाइनमेंट में भी बदलाव किया गया है।इस संबंध में एक्वा लाइन विस्तार के संशोधित डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएमआरसी) के बोर्ड से सोमवार को मंजूरी मिल गई। इसकी डीपीआर दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएमआरसी) ने बनाई है। डीपीआर में अलाइनमेंट में कुछ संशोधन किए गए हैं। पहले की डीपीआर में नौ स्टेशन थे, जिसे बढ़ाकर 11 कर दिया गया है। एलिवेटेड कॉरिडोर की लंबाई बढ़कर 17.43 किमी हो गई है। परियोजना की निर्माण लागत 800 करोड़ बढ़ते हुए 2991.6 करोड़ हो गई है। कॉरिडोर के सेक्टर-61 मेट्रो स्टेशन से ग्रेनो वेस्ट, ग्रेटर नोएडा, दिल्ली और इलेक्ट्रॉनिक सिटी मेट्रो स्टेशन होते हुए गाजियाबाद तक जाने में यात्रियों को मदद मिलेगी। एनएमआरसी की ओर से डीपीआर की मंजूरी के बाद इसे राज्य सरकार को भेजा जाएगा। राज्य सरकार से मंजूरी के बाद इसे केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय से मंजूरी लेनी होगी। इसके बाद पीएमओ से सहमति के बाद टेंडर निकालने का काम शुरू होगा। दो माह की प्रक्रिया के बाद काम शुरू होने की संभावना है, हालांकि इस पूरी प्रक्रिया में महीनों लग जाएगा। ऐसे में काम शुरू होने की तारीखों पर अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है।नई डीपीआर में दो नए स्टेशन तैयार करने की बात की गई है। इसके तहत सेक्टर-61 और सेक्टर-70 स्टेशन बनाए जाएंगे, हालांकि सेक्टर-61 स्टेशन पहले से ही ब्लू लाइन पर है। यहां एक्वा लाइन के लिए एक नया प्लेटफॉर्म तैयार होगा। इस कॉरिडोर पर एक नए स्टेशन की सुविधा लोगों को मिल जाएगी। आगे चलकर इसे सेक्टर-70 मेट्रो स्टेशन से जोड़ा जाएगा और फिर वापस दाईं ओर मुड़ते हुए सेक्टर-122 के पुराने प्रस्तावित मेट्रो स्टेशन से कॉरिडोर जुड़ जाएगा।इससे पहले सेक्टर-51 और 52 मेट्रो स्टेशनों को जोड़ने के लिए स्काईवॉक बनाने पर सहमति बनी थी। इसका काफी काम भी हो चुका है, लेकिन केंद्रीय मंत्रालय के राजी नहीं होने के बाद डीपीआर के संशोधन का काम शुरू किया गया। डीएमआरसी ने डीपीआर का काम पूरा किया और अलाइनमेंट के परिवर्तन के साथ नई योजना का दस्तावेज एनएमआरसी को सौंप दिया।एक्वा लाइन विस्तार के तहत ब्लू लाइन से कॉमन प्लेटफॉर्म के जरिए एक्वा लाइन के कॉरिडोर को जोड़ने का सुझाव केंद्रीय मंत्रालय ने भी दिया था। इससे पहले कॉमन प्लेटफॉर्म के बदले एफओबी से जोड़ते हुए ग्रेनो वेस्ट मेट्रो की डीपीआर मंजूर करने की अपील एनएमआरसी ने केंद्रीय मंत्रालय से की थी, लेकिन एफओबी से जोड़ते हुए पुराने रूट की डीपीआर को मंजूरी नहीं दी गई।ब्लू लाइन के सेक्टर-61 मेट्रो स्टेशन से एक्वा लाइन को जोड़ने पर फैसला होने के बाद अब यह नोएडा का दूसरा इंटरचेंज स्टेशन होगा, जहां से कॉमन प्लेटफॉर्म के माध्यम से यात्री एक से दूसरे कॉरिडोर में प्रवेश कर सकेंगे। इससे पहले बॉटेनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन से ब्लू और मजेंटा लाइन के यात्री एक से दूसरे कॉरिडोर में जा सकते हैं। एक्वा लाइन के सेक्टर-51 और ब्लू लाइन के सेक्टर-52 मेट्रो स्टेशन से भी यात्री कॉरिडोर बदलते हैं, लेकिन यहां कॉमन प्लेटफॉर्म की सुविधा नहीं है।ग्रेनो वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर की डीपीआर एनएमआरसी से मंजूर हो चुकी है। अब इसे केंद्र और राज्य सरकार से मंजूर कराने की कवायद की जाएगी, फिर टेंडर निकाला जाएगा। इसके रूट में संशोधन किया गया है। नोएडा सेक्टर-61 नोएडा सेक्टर-70 नोएडा सेक्टर-122 नोएडा सेक्टर-123 ग्रेटर नोएडा सेक्टर-चार ईकोटेक-12 ग्रेटर नोएडा सेक्टर-दो ग्रेटर नोएडा सेक्टर-तीन ग्रेटर नोएडा सेक्टर-10 ग्रेटर नोएडा सेक्टर-12उत्तर प्रदेश सरकार ने दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर के निर्माण कार्य की रफ्तार में तेजी लाने के लिए रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के लिए 914 करोड़ का बजट जारी किया है। बजट मिलने के बाद अब यूपी में रैपिड रेल कॉरिडोर के दूसरे और तीसरे चरण का काम तेजी से पूरा होने की उम्मीद जग गई है। 82 किमी लंबे रैपिड रेल कॉरिडोर की लागत 3,000 करोड़ से ज्यादा है। इसमें उत्तर प्रदेश सरकार का अंशदान 16.50% है। सोमवार को प्रदेश सरकार ने 2024-25 के लिए 914 करोड़ का बजट पास कर दिया है। एनसीआरटीसी के मुख्य प्रवक्ता पुनीत वत्स का कहना है कि सरकार के कुल 6,048 करोड़ के अंशदान में से अब तक 4,742 करोड़ मिल चुका है। 2019-20 में एनसीआरटीसी को 400 करोड़, 2020-21 में 900 करोड़, 2021-22 में आवंटित 1,326 करोड़ में से एनसीआरटीसी को कुल 570 करोड़ की राशि मिली थी। जून से पहले मेरठ तक नमो भारत के संचालन का लक्ष्य : एनसीआरटीसी के प्रवक्ता पुनीत वत्स का कहना है कि मेरठ तक नमो भारत का ट्रायल रन शुरू हो चुका है। जून 2024 तक साहिबाबाद से मेरठ तक यात्रियों के को लेकर नमो भारत ट्रेन संचालित होने लगेगी। जिस रफ्तार से काम चल रहा है उससे काम समय से पहले पूरा होने की संभावना है।