क्या जलने पर तुरंत लगाना चाहिए टूथपेस्ट, जानें ऐसे ही कुछ आम मिथक और उनका सच
स्वास्थ्य। रोजमर्रा के काम करते हुए अक्सर हमें छोटी-मोटी चोट या खरोंच लग जाती है। हाथ कट जाना या तेल के छींटे से जलना इनमें सबसे आम है। घर पर लगने वाले इस चोट या घाव को लोग अक्सर हल्के में लेते हैं और खुद से ही इनका इलाज करने लगते हैं, जो आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है। खासकर जलने पर सही जानकारी के अभाव में की गई चीजें इसे गंभीर बना सकती है। आज भी लोगों के बीच कई जलने पर इलाज से जुड़े कुछ ऐसे मिथक प्रचलित हैं, जो आपके घाव को गंभीर बना सकते हैं। अगर आप भी उन लोगों में से हैं, तो जलने पर ठंडा पानी डालने या टूथपेस्ट लगाने की सलाह देते हैं, तो आज इस आर्टिकल में हम आपको जलने पर किए जाने वाले इलाज से जुड़े कुछ ऐसे ही मिथक और उनकी सच्चाई बताने जा रहे हैं, जिसे जानना आपके लिए जरूरी है। ऐसे में जलने के इलाज से जुड़ी कुछ मिथक और उनके फैक्ट्स के बारे में जानने के लिए हमने गुरुग्राम के सीके बिड़ला हॉस्पिटल में प्लास्टिक सर्जन और सलाहकार डॉ. अनमोल चुघ से बातचीत की। यह पूरी तरह एक मिथक है। जले हुए हिस्से पर टूथपेस्ट लगाना एक “संभावित रूप से हानिकारक” हो सकता है। इसकी वजह से जलन को और ज्यादा बढ़ सकती है। साथ ही टूथपेस्ट लगाने पर यह जलने के दर्द को बढ़ा सकता है और इन्फेक्शन का खतरा बढ़ सकता है। फैक्ट- कई लोगों का ऐसा मानना है कि जलने पर तुरंत ठंडा पानी या बर्फ लगाना चाहिए, क्योंकि इससे जलन और दर्द कम करने में मदद मिलती है। हालांकि, यह भी पूरी तरह से गलत है। ठंडा पानी या बर्फ हानिकारक है, क्योंकि यह पहले से ही जले हुए क्षेत्र में खून की आपूर्ति को कम कर देता है, जिससे त्वचा को ज्यादा नुकसान पहुंचता है। इसकी जगह जले हुए हिस्से पर सामान्य बहते पानी का इस्तेमाल किया जाना चाहिए फैक्ट- यह धारणा पूरी तरह गलत है, क्योंकि अगर आप जलने की वजह से हुए घाव या छाले को तुरंत हटाते हैं, तो इससे चोट और उपचार प्रक्रिया और अधिक जटिल हो जाती है। नई त्वचा आने तक यह छाला प्रोटेक्टिव लेयर के रूप में काम करता है और इसे तब तक हटाना नहीं चाहिए, जब तक कि प्रशिक्षित प्लास्टिक सर्जन द्वारा सुझाव न दिया जाए। फैक्ट- जलने को तीन श्रेणियों में बांटा गया है- फर्स्ट डिग्री, सेकंड डिग्री और थर्ड डिग्री। जलने पर सही उपचार देने के लिए इसकी गंभीरता को समझना जरूरी है। फर्स्ट-डिग्री बर्न आमतौर पर केवल त्वचा की ऊपरी परत को प्रभावित करता है और इसका इलाज ठंडे पानी और एलोवेरा जेल से किया जा सकता है। सेकंड डिग्री बर्न ज्यादा गंभीर होते हैं और चिकित्सा की आवश्यकता हो सकती है। थर्ड-डिग्री बर्न सबसे गंभीर होता है और इसके लिए तुरंत मेडिकल हेल्प की जरूरत होती है। फैक्ट: यह एक बहुत ही आम मिथक है, लेकिन जले पर मक्खन/हल्दी या तेल लगाने से वास्तव में फायदे की बजाय नुकसान ज्यादा हो सकता है। ये सभी चीजे टीम को ट्रैप कर लेते हैं, जो जलन को और अधिक गंभीर बना सकते हैं और घाव संक्रमित हो सकता है।