कछला में पितृपक्ष जलदान पूर्णिमा पर उमड़ा आस्था का सैलाब,कछला में जाम से जूझते रहे श्रद्धालु

कछला। पितृपक्ष पूर्णिमा पर कछला गंगाघाट आस्था से सराबोर हो उठा। पितरों को तृप्त करने के लिए उनके अपनों ने गंगा में डुबकी लगाकर पहले कुश पहने, फिर पुरोहितों से मंत्रोच्चार के बीच जलदान किया। इसे लेकर घाट पर श्रद्धालुओं की दोपहर तक खासी भीड़भाड़ रही। पुरोहितों और संतों को दक्षिणा भी भेंट की गई। गंगाघाट पर पितरों को जलदान करने के लिए श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुक्रवार तड़के से ही शुरू हो गया। निजी वाहनों समेत अन्य संसाधनों के जरिये घाट पर पहुंचे श्रद्धालुओं ने पितरों का स्मरण करते हुए गंगा में आस्था की डुबकी लगाई।

ऊंगलियों में कुश धारण कर श्रद्धालुओं ने जलदान के दौरान काले तिल भी प्रवाहित किए। पुरोहितों ने उनके पितरों के नाम का उच्चारण कराके जलदान कराया। जलदान करने के लिए बदायूं, कासगंज, हाथरस, एटा, बरेली आदि जिलों के श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रही। कासगंज जिले के छोर वाले घाट पर सर्वाधिक भीड़भाड़ नजर आई। पुरोहितों में हरिओम शास्त्री ने बताया कि जलदान करने से पितर तृप्त हो जाते हैं पूर्णिमा पर भी श्राद्ध किया जाता है। कई लोगों ने घाट पर ही ब्राह्मणों समेत पुरोहितों को भोजन कराया। आश्रमों में धार्मिक कार्यक्रम हुए। साथ ही कुष्ठ रोगियों को भी दान देकर पुण्य अर्जित किया गया। पूर्णिमा के साथ ही 16 दिन के लिए पितृपक्ष शुरू हो गया। पितृपक्ष में तिथि के हिसाब से श्राद्ध किए जाते हैं। पूर्णिमा पर गंगाघाट के आसपास निजी वाहनों की संख्या काफी रही। कासगंज की ओर से श्रद्धालुओं के वाहन पुल तक आ गए। कुछेक श्रद्धालुओं ने कारों को पुल पर रोक लिया। इसके बाद भारी वाहनों में ट्रक और रोडवेज बसों को आगे निकलने का रास्ता नहीं मिल पाया। बदायूं की तरफ से वाहन पहुंचे तो जाम लग गया।

यह देख पुलिस कर्मियों ने भारी वाहनों को पुल से पहले ही रोकना शुरू कर दिया, लेकिन पुल पर जो वाहन फंसे उन्हें निकलने में ही करीब दो घंटे लग गए। पुलिस ने हालांकि एक ओर के वाहनों को रोक कर दूसरी तरफ का रास्ता खुलवा दिया, फिर भी वाहनों को रुक-रुक कर आगे बढ़ना पड़ा। इसके करीब बाद पूर्वाह्न में करीब एक घंटे तक फिर से जाम लग गया। श्रद्धालुओं की ट्रैक्टर-ट्राॅलियों ने भी दिक्कत बढ़ाने का काम किया। जाम में फंसे यात्रियों में नेत्रपाल ने बताया कि भारी वाहनों का महज दोपहर तक के लिए रूट डायवर्ट कर दिया जाता तो बरेली-मथुरा हाईवे पर जाम नहीं लगता।