डीएम ने की निर्वाचक नामावलियों के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण एवं मतदेय स्थलों के सम्भाजन के सम्बन्ध में राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों साथ बैठक
बदायूँ। मतदेय स्थलों के सम्भाजन के सम्बन्ध में जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी की अध्यक्षता में शुक्रवार को कलेक्ट्रेट स्थित सभाकक्ष में विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक नामावलियों के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण एवं मतदेय स्थलों के सम्भाजन के सम्बन्ध में विचार-विमर्श हेतु मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों एवं निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित की गई। डीएम ने अवगत कराते हुए बताया कि भारत निर्वाचन निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार अहंता तिथि 01 जनवरी 2024 के आधार पर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक नामावलियों का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम दिनांक 01 जून 2023 से आरम्भ हो रहा है जिसके अनुसार दिनांक 17 अक्टूबर 2023 को निर्वाचक नामावलियों का आलेख्य प्रकाशन किया जायेगा। जिलाधिकारी द्वारा उपस्थित राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों से संक्षिप्त पुनरीक्षण-2023 कार्यक्रम के व्यापक प्रचार प्रसार निर्वाचक नामावली में छूटे हुए सभी अर्ह मतदाताओं विशेष रूप से युवा, महिला मतदाताओं क नाम सम्मिलित कराने हेतु एवं मतदेय स्थलों के सम्माजन में अपना अमूल्य सहयोग प्रदान करने के लिए अनुरोध किया गया। डीएम ने कहा कि ऐसे मतदेय स्थल, जिन पर मतदाताओं की संख्या 300 से कम है, उनका भौतिक सत्यापन एवं तार्किक विश्लेषण करते हुए इस बात की सम्भावना का परीक्षण भी कर लिया जाए कि क्या ऐसे मतदेय स्थलों को किसी अन्य मतदेय स्थलों के साथ समायोजित किया जा सकता है तद्नुसार आवश्यक कार्यवाही सम्पादित की जाए। डीएम ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में जहाँ नयी आवासीय कालोनियां गत कुछ वर्षों में बनी है और उसमें नागरिक निवास करने लगे हैं तो वहाँ पर यथावश्यकता नया पोलिंग स्टेशन बनाया जाए। अत्याधिक पुराने व जर्जर भवन वाले मतदेय स्थलों को उसी मतदान क्षेत्र के अन्तर्गत उपलब्ध स्थायी भवन में स्थानान्तरित कर दिया जाए। अस्थायी निर्माण वाले मतदेय स्थलों को उसी मतदान क्षेत्र के अन्तर्गत उपलब्ध स्थायी भवन में रथनान्तरित कर दिया जाए। डीएम ने कहा कि ऐसे मतदेय स्थलों को चिन्हित किया जाऐ, जो मुख्य गांव/बस्ती से पर्याप्त दूरी पर हैं, उन मतदेय स्थलों को वहां से हटाकर मतदान क्षेत्र के अन्तर्गत किसी सुविधाजनक भवन में स्थापित किया जाए। यह भी सुनिश्चित कर लिया जाए कि पोलिंग स्टेशन की दूरी लगभग 02 किमी से अधिक न हो। डीएम ने कहा कि जिन मतदेय स्थलों के भवन पुराने व जर्जर नहीं है तथा जहां मतदाताओं को 02 किमी से अधिक दूरी चलने की आवश्यकता नहीं हैं, ऐसे मतदेय स्थलों की स्थिति में परिवर्तन नहीं किया जाए। कोई मतदेय स्थल यदि अपने मतदान क्षेत्र में उपयुक्त भवन न उपलब्ध होने के कारण मतदान क्षेत्र से बाहर स्थित है और अब मतदान क्षेत्र के अंतर्गत उपयुक्त भवन उपलब्ध हो गया है तो ऐसे मतदेय स्थल को अपने मतदान क्षेत्र के अन्दर स्थिति भवन में शिफ्ट कर दिया जाए। डीएम ने कहा कि यदि भौतिक सत्यापन में किसी मतदेय स्थल के संबंधित विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के बाहर स्थित होने का मामला प्रकाश में आता है तो ऐसे पोलिंग स्टेशनों को परिवर्तित कर विधानसभा क्षेत्र के अंतद स्थापित किया जाए। सभी मतदेय स्थल भवनों के यथासम्भवन भूतल पर होना सुनिश्चित किया जाए। किसी भी राजनैतिक दल या लेबर यूनियन के कार्यालय से 200 मीटर के अंदर कोई भी मतदेय स्थल नहीं बनाया जाए। डीएम ने कहा कि यह भी सुनिश्चित कर लिया जाए कि मतदेय स्थलों के सम्भाजन के पश्चात मतदेय स्थलों के स्थान में अंतिम क्षणों में परिवर्तन की आवश्यकता न रह जाए। यदि कोई मतदेय स्थल निजी भवन में स्थापित है और वहां यदि शासकीय भवन उपलब्ध हो गये है तो उक्त मतदेय स्थलों को शासकीय भवनों में स्थानान्तरित कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि यदि कोई मतदेय स्थल दुकान/व्यवसायिक प्रतिष्ठान/व्यक्तिगत सामुदायिक केन्द्र/विवाह घर अथवा ऐसे भवन, जिनका स्वामित्व किसी राजनैतिक व्यक्ति के पास है, ऐसे मतदेय स्थलों हेतु विकल्प तलाश कर उनको स्थानान्तरित कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि सभी मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों से अनुरोध है कि आयोग के निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार दिनांक 10 अगस्त 2023 तक मतदेय स्थलों से सम्बन्धित प्रस्ताव (संशोधन का स्पष्ट कारण का उल्लेख करते हुए) जिला निर्वाचन कार्यालय, बदायूँ को उपलब्ध कराने का कष्ट करें. ताकि संशोधित प्रस्ताव का भौतिक सत्यापन/जांच सम्बन्धित उप जिलाधिकारी/ तहसीलदार करायी जा सके। इस अवसर पर एडीएम ई वीके सिंह, समस्त उपजिलाधिकारी व राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों में आशीष शाक्य, नीरज, राहुल डी चौहान, कृष्ण गोपाल गुप्ता, अरविन्द सिंह राठौर मौजूद रहे।