राष्ट्रीय सेमिनार का हुआ समापन,15 विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया

शाहजहाँपुर। एस०एस० कॉलेज में सामाजिक उद्यमिता पर चल रही संगोष्ठी के तीसरे और अंतिम दिन डी०एन० कॉलेज, मेरठ के वाणिज्य विभागाध्यक्ष प्रो० एस० के० शर्मा ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुये कहा कि सामाजिक विकास आर्थिक विकास से भी ज़्यादा महत्वपूर्ण होता है क्योंकि एक विकसित समाज ही स्थिर आर्थिक विकास को प्राप्त कर पाता है। इसलिए अर्थव्यवस्था के स्थायी विकास के लिए सामाजिक कल्याण और सीमान्त वर्ग का उत्थान आवश्यक है। इस दिशा में प्रत्येक नागरिक को अपनी क्षमता के अनुसार काम करना चाहिए, चूंकि उद्यमी सामाजिक आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं और बदले में लाभ अर्जित करते हैं।

इसीलिए सामाजिक उद्यमिता के क्षेत्र में उनका दायित्व अन्य नागरिकों की अपेक्षा अधिक है। उद्यमियों से अपेक्षा की जाती है कि ग़रीब बच्चों की शिक्षा, ग़रीब लड़कियों के विवाह, पुनर्वास योजनाओं आदि पर विनियोग करें। इससे पूर्व समापन सत्र का शुभारंभ स्वामी शुकदेवानंद सरस्वती जी के चित्र पर पुष्पांजलि से हुआ। वाणिज्य विभागाध्यक्ष प्रो॰ अनुराग अग्रवाल ने मुख्य अतिथि का परिचय प्रस्तुत किया। प्राचार्य प्रो॰ आर॰के॰ आज़ाद ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि महाविद्यालय के छात्रों को विभिन्न विषयों पर ज्ञान से परिपूर्ण करने, अलग-अलग स्थानों से विद्वान आते हैं। इनसे प्राप्त ज्ञान ही छात्रों के लिए बौद्धिक संपदा है, जिसका प्रयोग करके वे सफल उद्यमी बन सकते हैं।

डॉ॰ रूपक श्रीवास्तव के संचालन में हुए कार्यक्रम के अंत में तीनों तकनीकी सत्रों में प्रथम, द्वितीय, तृतीय और सांत्वना पुरस्कार प्राप्त करने वाले 15 विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया। पुरस्कृत होने वाले विद्यार्थियों में दशनीत कौर, श्रीजी सेठ, वैष्णवी रस्तोगी, अंश कपूर, अरमान महरोत्रा, दिव्यांशु अग्रवाल, कुशल गोयल, माणिक महरोत्रा, शान्तम अरोड़ा, शाश्वत शर्मा, निहारिका सिंह, गुनगुन सिंह, विनायक कपूर, शगुन कपूर, काली खन्ना सम्मिलित थे। अंत में डॉ० देवेंद्र सिंह ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर डॉ॰ कमलेश बाबू गौतम, डॉ॰ गौरव सक्सेना, डॉ॰ विजय तिवारी, डॉ॰ अजय कुमार वर्मा, डॉ॰ संतोष प्रताप सिंह, डॉ॰ सचिन खन्ना, कु॰ ब्रज लाली, अपर्णा त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।