कछला घाट पर गंगा आरती करने वाले विभु उपाध्याय ने पास की नीट परीक्षा

कछला। एमबीबीएस डाक्टर बन कर रोगियों की करेंगे सेवा,बचपन से था यही सपना। विभु उपाध्याय ने 720 अंकों में 622 अंक प्राप्त किये। इसका श्रेय विभु उपाध्याय ने गंगा मैया ,पूर्व डीएम दिनेश कुमार और अपने माता-पिता को दिया। विभु 15 जनवरी 2019 से कछला गंगा घाट पर नियमित गंगा आरती में शामिल हुए ।
15 जनवरी 2019 को पूर्व डीएम दिनेश कुमार सिंह ने बदायूं के कछला गंगा घाट पर नियमित गंगा आरती कराने का प्रण लिया था । जिसके बाद काशी की तर्ज पर बदायूं के कछला गंगा घाट पर नियमित आरती शुरू हुई थी दिनेश कुमार सिंह को आरती कराने के लिए ब्राह्मण युवकों की आवश्यकता थी । जिसके चलते कछला के ही ब्राह्मण परिवार के विभु उपाध्याय ने भी कछला गंगा घाट पर आरती की शुरुआत कर दी । विभु के माता-पिता ने पढ़ाई के साथ साथ शाम को आरती करने की इजाजत दे दी, विभु कोरोना काल में भी पढ़ाई के साथ रोजाना आरती करने लगा और अपनी पढ़ाई पर ध्यान देने लगा। विभु ने 1 साल पहले बदायूं छोड़कर कोटा में नीट की परीक्षा के लिए कोचिंग ज्वाइन करके पढ़ाई शुरू कर दी। जिसके चलते विभु ने नीट परीक्षा पास कर ली है। उसने 720 अंकों में से 622 अंक प्राप्त किए हैं ।

विभु उपाध्याय ने इसका श्रेय पूर्व डीएम दिनेश कुमार सिंह अपने माता-पिता और गंगा मैया की कृपा को बताया है । विभु उपाध्याय का कहना है कि पिछले तीन-चार साल से तैयारी कर रहा था । अब मेरा सिलेक्शन हुआ है अब वह एमबीबीएस करने जा रहा है। विभु कहते हैं कि इसका श्रेय मैं अपने माता पिता गुरु जन ,भाई बहन सभी देना चाहता हूं । वही पूर्व dm का बहुत सहयोग रहा है । गंगा मां की कृपा से मेरा सिलेक्शन हुआ है और आगे भी जब भी समय मिलेगा मैं आरती करता रहूंगा। नीट परीक्षा पास होने के बाद विभु के पिता हरेंद्र कुमार उपाध्याय का कहना है गंगा मैया की कृपा है मेरे बेटे ने mbbs पास की है बड़े सौभाग्य की बात है हम लोग गंगा आरती से जुड़े हुए थे । पढ़ाई करने वाले बच्चो में आध्यात्मिक की तरफ रुझान नहीं होता है वह केवल पढ़ाई की तरफ ही ध्यान देते हैं । मेरा बेटा आध्यात्मिक और पढ़ाई दोनों में ही आगे है यह बड़े सौभाग्य की बात है प्रथम प्रयास में ही उसने नीट परीक्षा पास कर ली नियमित गंगा आरती भी करता रहा । वही विभु की मां सुनीता शर्मा का कहना है कि बेटा क्या पढ़ाई कर रहा है उसपर ध्यान देने की जरूरत है । अगर ध्यान दिया जाएगा तो अवश्य ही नतीजा अच्छा सामने आयेगा । बेटे के पास रहने वाले एक बच्चे ने सुसाइड किया था जिसके चलते 1 महीने उसकी पढ़ाई डिस्टर्ब रही मगर बच्चे ने 8 महीने की तैयारी में पहले अटेम्प्ट में परीक्षा पास करली यह बड़े सौभाग्य की बात है।
कछला से ज्योति कश्यप की रिपोर्ट