बिसौली-क्षेत्र के ग्राम शरह बरौलिया के सिद्व बाबा इंटर कालेज के मैदान पर चल रही राम कथा के चौथे दिन विश्व प्रसिद्व कथा वाचक प0 अतुल कृष्ण महाराज ने नाम करण की व्याख्या करते हुए कहा यह “नाम” ही मनुष्य का भाग्य, भविष्य तय करता हैं, प्रभु श्रीराम का नाम लेने मात्र से ही मनुष्य धन्य हो जाता हैं आगे उन्होंने कहा आज हमारे समाज में जो बुराइयां हैं उनका कारण शिक्षा का अभाव हैं।आज भारत में जो शिक्षा दी जा रही हैं,वह संस्कृति के अनुरूप नहीं हैं। हमारी संस्कृति में शिक्षा धर्म से जोड़ने वाली,त्यागमयी जीवन जीने वाली,व दूसरों का हित करने वाली शिक्षा होती थी।बचपन का संस्कार व्यक्ति के निर्माण में सहायक होता हैं।अतुल कृष्ण महाराज ने आगे शस्त्रों का वर्णन करते हुए कहा ग्रह नक्षत्र के आधार पर ही नामकरण की व्यवस्था की गई हैं। हिंदू धर्म में सोलह संस्कार बताये गए हैं इनमें नामकरण संस्कार भी एक हैं यही संस्कार बालक के व्यक्तित्व के निर्माण में सहायक होता हैं व्यास जी ने कहा नाम भी राशि और नक्षत्र के आधार पर होने चाहिये।आगे की कथा का वर्णन करते हुए कहा जब ऋषि विश्वामित्र गुरुकुल व यज्ञों की रक्षा करने हेतु राम लक्ष्मण को अपने आश्रम लाये उस बीच ताड़का,मारीच सुबाहु का बध भगवान राम के द्वारा हुआ। रास्ते में गौतम ऋषि के श्राप से शिला रूपी अहिल्या का उद्धार हुआ। भगवान श्रीराम के दर्शन मात्र से इंद्र व गौतम ऋषि के श्राप से शिला रूपी अहिल्या का भी उद्वार हो गया।आज राम कथा में सुधीर कुमार शर्मा रामबहादुर शर्मा राकेश शंखधार नीरज कटिया अनिल कटिया डॉ0मुन्ना लाल शंखधार विनीत कटिया दिनेश चन्द शंखधार राजाराम गुप्ता मनोहर लाल गुप्ता रामबेटी शर्मा झलक पाठक संजीव पाठक शिवि कटिया मंजू शंखधार विपिन शंखधार श्रीपाल सिंह आदि श्रोता रहे।