लंदन, पीटीआई। भारतीय मूल के पूर्व मंत्री प्रीति पटेल को आपत्तिजनक पत्र भेजने की बात स्वीकार करने वाले 65 वर्षीय आरोपी को सुनवाई के दौरान पांच महीने की सजा सुनाई गई है। लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने आरोपी पूनीराज कनकिया को पिछले सप्ताह सजा सुनाई थी। इंग्लैंड में क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने कहा, “प्रीति पटेल को जो पत्र भेजा गया था, उस पर ‘पर्सनल लेटर’ लिखा हुआ था, लेकिन उसे पटेल के किसी स्टाफ ने पिछले साल 22 जनवरी को खोला था। उस पत्र में कई आपत्तिजनक बातें लिखी हुई थीं।यह पत्र उस दौरान भेजा गया था, जब पटेल वहां के गृह सचिव का पदभार संभाल रही थीं। पटेल ने पत्र को व्यक्तिगत रूप से नहीं देखा और लेखक का पता लगाने के लिए तुरंत इसे फोरेंसिक टेस्ट के लिए भेज दिया। लंदन साउथ में क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस की कॉम्प्लेक्स केसवर्क यूनिट के सीनियर क्राउन प्रॉसीक्यूटर लॉरेन दोशी ने कहा, “पत्र में काफी आपत्तिजनक बातें लिखी गई थी। आरोपी कनकिया ने सोचा था कि वह पकड़ा नहीं जाएगा, हालांकि, फोरेंसिक विश्लेषण ने साबित कर दिया कि उसने पत्र लिखा था।” उन्होंने कहा, “इस तरह की भाषा में भेजे गए पत्र को देखकर यह निश्चित हो गया है कि ऐसे मामलों में कड़ा रुख अपनाना चाहिए और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। जब भी हमारे कानून के सामने इस तरह के मामले आएंगे तो, सीपीएस ऐसे अपराधियों पर मुकदमा चलाने में जरा भी संकोच नहीं करेगी।” फोरेंसिक जांच के दौरान पता चला कि आरोपी ने पत्र लिखने के लिए जिस कागज का इस्तेमाल किया था, वो ड्राइवर एंड व्हीकल लाइसेंसिंग एजेंसी (डीवीएलए) का था। इसके बाद जांच एजेंसी को आरोपी का नाम और पता मिल गया। जब पुलिस ने आरोपी के लिखावट को पत्र के लिखावट से मिलाया तो, दोनों एक जैसे थे। जिसके बाद तय हो गया था कि आरोपी वही है, उसी ने पत्र लिखा है।